आज के समय में गठिया रोग क्या है (what is arthritis in hindi) के बारे में सभी को पता है और यह रोग एक उम्र के बाद होता है जिसमे चलने फिरने बैठने उठने में समस्या होती है

गठिया एक एसा रोग है जो हमारे दिन के छोटे छोटे कामो को भी हमारे लिए मुश्किल कर देती है जिसे हमे समस्या होने लगती है यह हडियों से जुड़ा रोग है

गठिया रोग सबसे पहले हाथो और पैरों के जॉइंट्स से शुरु होता है और धीरे धीरे यह फैलते जाता है और जोड़ो , कंधो आदि के जॉइंट्स में फ़ैल जाता है जिसके कारण दर्द सुजन जैसी समस्या होती है

आज हम गठिया रोग के बारे में आपको पूरी जानकारी देंगे यह क्या है क्यों होता है इसके लक्ष्ण कारण इलाज होम्योपैथिक दवाईयां खान पान सभी के बारे में बताएगे

गठिया रोग क्या है – what is arthritis in hindi

गठिया रोग क्या है - arthritis in hindi

गठिया रोग को arthritis के नाम से भी जाना जाता है और यह रोग हमारे शरीर की हडियों के जॉइंट्स से जुड़ा एक रोग है जो हमारे हडियों के जॉइंट्स पर प्रभाव डालता है

इसके जागरूकता के लिए 12 october को गठिया रोग दिवस मनाया जाता है ताकि लोगो को गठिया रोग के बारे में पता चल सके और इसे कम किया जा सके

जोड़ो में दर्द , कमर दर्द , साइटिका , गठिया जैसी सभी समस्या rheumatoid arthritis में देखने को मिल जाती है इसको RA भी कहते है जब किसी को गठिया रोग होता है तो

उसके हडियों के जॉइंट में दर्द होने लगता है फिर वह जॉइंट छोटे हो या बड़े सभी में दर्द होता है और साथ में सुजन होने लगती है अगर ध्यान नहीं दिया जाता है तो हडियों में गठाने हो जाते है

गठिया रोग में जोड़ो में दर्द होता है और साथ ही सुजन होती है और गठिया रोग पुरुष से ज्यादा महिलाओ को होता है जिन महिलाओ का वजन ज्यादा होता है और यह अब कम उम्र में भी देखा जाने लगा है

गठिया रोग शरीर के अलग अलग जॉइंट पर प्रभाव डालती है जैसे उंगलियाँ , कमर , कंधे , पैरों की उंगलियाँ , टखना , कलाई , कोहनी , घुटना , कुल्हे आदि पर प्रभाव डालता है

गठिया रोग के कारण – causes of arthritis in hindi

अब जानते है की गठिया रोग क्यों होता है जो इस प्रकार है

गठिया रोग क्यों होता है ?

हमारा इम्यून सिस्टम प्रोटीन और बायोकेमिकल और कोशिकाओ से मिलकर बनता है और यह इम्यून सिस्टम हमारे लिए महत्वपूर्ण है क्युकी यह हमें कई अलग अलग सक्रमण और बीमारियों से बचाता है

परन्तु कई बार इम्यून सिस्टम खराब हो जाता है जिसके कारण शरीर में प्रोटीन की कमी होती है जिसके कारण धीरे धीरे हडियों को जोड़ने वाले प्रदार्थ कमजोर हो जाते है और हडियों के जॉइंट में जगह बन जाती है

जिसके कारण वहा दर्द सुजन जैसी समस्या उत्पन होती है यह समस्या 60 से उपर की उम्र में देखि जाती है परन्तु अब युवा में भी गठिया रोग देखने को मिल रहा है

एक तरह से जब हमारा इम्यून सिस्टम खुद पर ही हमला करने लगता है जिसके कारण गठिया रोग होता है परन्तु इसके मुख्या कारण का अभी तक पता नहीं है कुछ कारण है जो महिलाओ में देखने को मिलते है जैसे

(1) . महिलाओ को गठिया रोग किसी भी उम्र में हो सकता है

(2) . और सामान्य गठिया रोग 40 के उम्र के बाद होता है

(3) . जिन महिलाओ ने अभी तक किसी बच्चे को जन्म नहीं दिया उसको गठिया रोग हो सकता है

(4) . अधिक वजन के कारण गठिया रोग हो सकता है

(5) . जो महिला धुम्रपान करती है उनको गठिया रोग हो सकता है और उनके बच्चे को भी हो सकता है

(6) . जेनेटिक के कारण भी गठिया रोग हो सकता है

गठिया रोग के प्रकार – Types of arthritis in hindi

गठिया रोग के 100 प्रकार पाए जाते है इसमें से 2 मुख्या होते है जिसके बारे में निचे देखने को मिल जाएगा और कुछ अन्य प्रकार होते है

(1) . गठिया रोग के 2 मुख्या प्रकार

(1) . rheumatoid arthritis

rheumatoid arthritis के दोरान हाथ और पैरों के जोड़ो के जॉइंट में समस्या आती है इन जोड़ो में दर्द होने लगता है धीरे धीरे उसमे सुजन होती है चलने में कार्य करने में समस्या होती है और यह समस्या युवा में भी हो सकती है कम उम्र में भी

rheumatoid arthritis एक प्रकार की इन्फ्लेमेटरी कंडीशन होती है जिसके दोरान जोड़ो में सुजन हो जाती है उनमे पानी भर जाता है जिसके कारण हडियाँ कमजोर हो जाती है गलने लगती है

(2) . osteoarthritis

यह मुख्या 50 की उम्र के बाद देखा जाता है और इसके दोरान घुटने में सबसे ज्यादा दर्द होता है सुजन होती है और इसमें चलने बैठने उठने से दर्द ज्यादा होता है और आराम करने से दर्द कम हो जाता है इसको osteoarthritis कहते है

osteoarthritis में जो हडियाँ जॉइंट को बनाती है उनके उपर झिली होती है जिसे हम कार्टिलेज कहते है और धीरे धीरे यह कार्टिलेज घिसने लगती है जिसके कारण osteoarthritis होता है

(2) . गठिया रोग के अन्य प्रकार

(1) . sjogren syndrome arthritis

sjogren syndrome एक प्रकार का मुहँ का गठिया होता है sjogren syndrome के दोरान मुहँ में सूखापन होने लगता है

(2) . lupus arthritis

अगर मुहँ में छाले होते है आँखों और मुहँ के उपर rashes हो जाते है और अगर आप धुप में जाते है तो यह rashes बढ़ जाते है साथ ही बाल झड़ते है तो उसे lupus arthritis कहते है

(3) . waist arthritis

यह गठिया मुख्या युवा पुरुष में होता है इसके दोरान सुबह उठते ही कमर में अकडन होती है और काम करते ही अकडन ठीक हो जाती है तो उसे waist arthritis कहते है

गठिया रोग के लक्ष्ण – symptoms of arthritis in hindi

गठिया रोग के लक्ष्ण आपको निचे देखने को मिल जाएगे जो इस प्रकार है

(1) . मांशपेशियो में दर्द

(2) . तेज बुखार होगा

(3) . थकान होगी

(4) . शरीर में कमजोरी होगी

(5) . भूख कम लगेगी

(6) . हाथ पेरों में अकडन होगी

(7) . जोड़ो में दर्द और सुजन

(8) . आँखों में सूखापन

(9) . सिने में दर्द होगा

(10) . एनर्जी कम हो जाएगी

(11) . अधिक पसीना आना (पसीने की होम्योपैथिक दवा)

(12) . वजन कम होना

(13) . हृदय से जुडी समस्या हो सकती है लास्ट स्टेज में

(14) . बी.पी की समस्या हो सकती है लास्ट स्टेज में

(15) . सुजन एक जोड़ो से कम होकर दुसरे में बढ़ जाती है

(16) . सुबह शरीर भारी लगता है

(17) . मुहँ में सवाद नहीं रहता

(18) . नींद नहीं आती है

गठिया रोग का इलाज – Treatment of arthritis in hindi

गठिया रोग के शुरुवात में इसका इलाज संभव नहीं था परन्तु अब गठिया रोग को इलाज के द्वारा ठीक किया जा सकता है अगर आप समय में अनुसार डॉक्टर से जांच करवाते है गठिया रोग का इलाज 4 तरीको से किया जाता है जो इस प्रकार है

(1) . दवाइयों की मदत से

गठिया रोग को मेडिसिन की मदत से कम करने के लिए इसमें non – steroidal anti inflammatory drugs , steroids , disease modifying anti rheumatic drugs का इस्तेमाल किया जाता है और इनका इस्तेमाल डॉक्टर की सलाह के अनुसार और आपके लक्षणों की जांच करके उसके बाद ही यह मेडिसिन दी जाती है

(2) . फिजियोथेरेपी की मदत से

जोड़ो के दर्द के लिए फिजियोथेरेपी बहुत अच्छा उपाय है फिजियोथेरेपी की मदत से आपके जोड़ो को लचीला , मुलायम , कोमल बनाने के लिए उत्को को फैलाना के लिए हाथो से मालिश की जाती है

(3) . व्यायाम की मदत से

गठिया रोग को ठीक करने के लिए व्यायाम बहुत ज्यादा जरूरी है और इस रोग को और ज्यादा फैलने से रोकने के लिए हर व्यक्ति को व्यायाम करना चाहिए इसके लिए प्रणायाम , स्वशासन , मत्यासन , आदि व्यायाम कर सकते है

(4) . सर्जरी की मदत से

गठिया रोग को ठीक करने के लिए आखिर में सर्जरी का इस्तेमाल किया जाता है सर्जरी से आपके जोड़ो के कार्य करने की शमता को बढाया जाता है सर्जरी अलग अलग होती है जैसे

. Synovectomy surgery

Synovectomy के दोरान जोड़ो के सुजन वाली जो परत होती है उसे हटाया जाता है कम किया जाता है और जोड़ो के लचीलेपन को ठीक किया जाता है जिसे समस्या कम हो

. tendon repair surgery

इसमें सर्जन घायल tendon के ऊपर वाली तवचा पर चीरा लगाता है और tendon के सभी इंजरी सिरों को मिलाकर एक साथ सीता है और अगर tendon ज्यादा ज्यादा घायल हो जाते है तो tendon ग्राफ्ट का इस्तेमाल किया जाता है

. joint fusion surgery

अगर आपको अधिक जोड़ो का दर्द होता है तो डॉक्टर आपको joint fusion surgery की सलाह देता है इसके दोरान दो हडियों को एक साथ जोड़ा जाता है जिसे आपको दर्द होता है इसे आपकी हडी ठोस बनती है जिसे आपको आराम मिलता है और जोड़ो का दर्द कम होता है

. total joint replacement surgery

इस सर्जरी के दोरान total joint replacement में जिस हिसे में इंजरी होती है उस हिसे को हटा दिया जाता है और उसकी जगह पर प्लास्टिक उपकरण लगाया जाता है जिसे प्रोस्थेसिस कहाँ जाता है और इस उपकरण को जॉइंट के हिसाब से डिजाइन किया जाता है

उपर बताए गए 4 तरीको से गठिया रोग का इलाज किया जाता है जो बहुत फायदेमंद है

गठिया रोग की जांच – diagnosis of arthritis in hindi

गठिया रोग की जाँच की बात करे तो डॉक्टर आपके पुरे शरीर की जाँच करते है जोड़ो को हिलाकर चेक करते है दर्द को चेक किया जाता है सुजन को चेक किया जाता है और गठिया रोग का पता लगाने के लिए अलग अलग तरीके से की जाती है जिसके बारे में आपको निचे देखने को मिल जाएगा

(1) . एक्सरे के माध्यम से

गठिया रोग की एक्सरे के द्वारा जांच की जाती है इसमें एक्सरे के द्वारा कार्टिलेज की हानि , किसी चोट या हडी में समस्या का पता चल जाता है

(2) . ब्लड , पेशाब और जॉइंट फ्लूइड के जाँच के माध्यम से

गठिया रोग के लिए आपके ब्लड की जांच , पेशाब की जांच और जॉइंट फ्लूइड की जांच लैब टेस्ट के द्वारा की जाती है और गठिया रोग के प्रकार का पता लगाया जाता है

(3) . सी टी स्कैन के माध्यम से

गठिया रोग के टेस्ट में एक है सी टी स्कैन इसका इस्तेमाल हडियों के और नर्म उतकों की साफ़ तस्वीर के लिए किया जाता है ताकि समस्या का पता कर सके

(4) . अल्ट्रासाउंड के माध्यम से

गठिया रोग के दोरान इंजेक्शन के सही जगह को चुने के लिए अल्ट्रासाउंड का इस्तेमाल किया जाता है ताकि सही जगह का चुनाव हो सके

(5) . MRI के माध्यम से

गठिया रोग को सही प्रकार से जाचने के लिए MRI बहुत अच्छा माध्यम है क्युकी MRI की मदत से कार्टिलेज , टेंडन की तस्वीरे बहुत साफ़ मिलती है जिसे समस्या का आसानी से पता किया जा सकता है

इन 5 तरीको से गठिया रोग की जांच की जाती है और समस्या का पता लगाया जाता है

गठिया रोग की होम्योपैथिक दवाइयाँ – best Homeopathic medicines for arthritis in hindi

(1) . acid benzoicum 200 ch

अगर आपके घुटने जोड़ो में दर्द है हाथो में दर्द रहता है सुजन है पेशाब में जलन होती है तो आप acid benzoicum 200 ch ले सकते है इसकी आपको 2 बूंद सुबह लेनी है और 2 बूंद शाम को इसे आपको 1 महीने लेना है और आपको आराम मिलेगा

(2) . urtica urens

urtica urens भी गाउट की समस्या के लिए जोड़ो में दर्द के लिए पेशाब में जलन के लिए यूरिक एसिड बढ़ने की समस्या के लिए लाभकारी है इसके लिए आप इसे एक चोथाई कप पानी में इसकी 15 बूंदों को डालकर दिन में 2 बार ले सकते है आपको लाभ होगा

गठिया रोग में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं – what to eat and what not to eat in rheumatoid arthritis in hindi

अगर आपको गठिया रोग है तो हम आपको बताएगे की आपको क्या खाना चाहिए क्या नहीं

क्या खाए

(1) . जवार की रोटी का सेवन करे

(2) . छाछ का सेवन करे

(3) . लहसुन का सेवन सब्जी में करे

(4) . मुंग दाल का सेवन कर सकते है

(5) . पालक का सेवन कर सकते है

(6) . जामुन का सेवन कर सकते है

(7) . अदरक का इस्तेमाल कर सकते है

(8) . ब्रोकली का सेवन कर सकते है

क्या न खाए

(1) . दही का सेवन न करे

(2) . मछली का सेवन न करे

(3) . गुड का सेवन न करे

(4) . दूध का सेवन ज्यादा न करे

(5) . उड़द के प्रदार्थ का सेवन न करे

(6) . सभी प्रकार के इंस्टेंट पदार्थ न खाए

(7) . लाल मांस नहीं खाना चाहिए

(8) . शराब का सेवन न करे

(9) . फ़ास्ट फ़ूड का सेवन न करे

(10) . अधिक मात्रा में चीनी का सेवन न करे

गठिया रोग से कैसे बचे – How to avoid arthritis in hindi

गठिया रोग से आप कुछ बातो का ध्यान रखकर बच सकते है या उसे कम कर सकते है जिसके बारे में आपको निचे देखने को मिल जाएगा जो इस प्रकार है

(1) . आपको रोज व्यायाम करना चाहिए

(2) . अगर आपको गठिया रोग है तो घर में इंग्लिश टॉयलेट का इस्तेमाल करे

(3) . पोष्टिक आहार का सेवन करे

(4) . वजन को हमेशा कण्ट्रोल रखे ज्यादा न होने दे

(5) . विटामिन डी युक्त खाद्य प्रदार्थ का सेवन करे

(6) . तनाव , डिप्रेशन को कम करे

इन तरीको से आप गठिया रोग को रोक सकते है कम कर सकते है

निष्कर्ष

आशा करते है की आपको गठिया रोग क्या है और इसके बारे में जुडी जानकारी मिल गई होगी और अब आपको इसे जुडी और कोई समस्या नहीं होगी अगर आपको युवा में ही गठिया रोग के लक्ष्ण दिखाई दे रहे है तो आपको तुरंत ही डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए और समय पर जांच करवानी चाहिए

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जानिए कुछ सवालों के जवाब

Q . क्या गठिया रोग को ठीक किया जा सकता है ?

ans . अगर आपकी उम्र के साथ गठिया रोग हुआ है तो उसे कम किया जा सकता है परन्तु अगर आपको कम उम्र में गठिया रोग हुआ है तो उसे शुरू में ही ठीक किया जा सकता है |

Q . क्या युवा में भी गठिया रोग हो सकता है ?

ans . हाँ आज के समय में युवा में भी गठिया रोग देखने को मिल रहा है इसका कारण है धुम्रपान स्मोक का अधिक इस्तेमाल करना |

Q . गठिया रोग होने का मुख्या कारण क्या है ?

ans . गठिया रोग होने का मुख्या कारण इम्यून सिस्टम का खराब होना होता है जब हमारा इम्यून सिस्टम अपने ही खिलाफ प्रतिक्रिया करता है खुद को ही नुक्सान पहुचाता है तो गठिया रोग होता है |

Q . गठिया रोग में क्या नहीं करना चाहिए ?

ans . गठिया रोग में आपको पंखे के निचे ज्यादा नहीं रहना चाहिए , दोपहर को नहीं सोना चाहिए . सुबह देर तक नहीं सोना चाहिए , गद्दे पर न सोए |

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