बुखार का घरेलू उपचार हर कोई जानना चाहता है क्युकी बुखार एक नार्मल समस्या है जो हर किसी को होती है हमारे शरीर का जो तापमान है अगर उसे जादा तापमान हो जाता है तो उसे ही व्यवहारिक भाषा में बुखार कहते है और आयुर्वेद के अनुसार ज्वर और इंग्लिश में fever कहते है

बुखार मुख्या रूप से दो प्रकार के होते है पहला बुखार जो शरीर के अन्दर ही अन्दर महसूस होता है इस बुखार में व्यक्ति का शरीर अन्दर अन्दर ही गर्म रहता है और जब इस बुखार को दूसरा चेक करता है तो उसे महसूस नही होता है और ना ही इस बिमारी को बुखार वाले मीटर से मापा जा सकता है

और दूसरा बुखार जो है वह खुद के अलावा दुसरे व्यक्ति को भी महसूस होता है जब वह शरीर को छूता है तो उसे गर्म शरीर महसूस होता है और उसे बुखार समझ आ जाता है और इस बुखार को बुखार मीटर द्वारा मापा जा सकता है परन्तु दोनों प्रकार के बुखार में एक जैसे लक्ष्ण दिखाई देते है

बुखार के लक्ष्ण 

बुखार के लक्ष्ण इस प्रकार है

.  बुख न लगना

बुखार होने पर जो सबसे पहला लक्ष्ण दिखाई देता है वह है बुख न लगना जब भी किसी वयक्ति को बुखार होने लगता है या हो जाता है उसे बुख लगनी बंद हो जाती है परन्तु वास्तव में बुख तो लगती है परन्तु कुछ खाया नहीं जाता है

.  शरीर भारी लगना

बुखार होने पर दूसरा लक्ष्ण जो दिखाई देता है वह है शरीर में भारीपन लगना जब भी हम चलने की या कुछ करने की कोशिस कारते है तो मन नहीं करता है शरीर भारी भारी सा लगने लगता है

.  खाना सवाद न लगना

देखा गया है की जिस व्यक्ति को बुखार होता है या होने वाला हो उस व्यक्ति को खाने में कुछ भी सवाद नहीं लगता है वो कुछ भी खाए अच्छा नहीं लगेगा परन्तु बुखार वाला व्यक्ति तीखे प्रदार्थ का सेवन करता है

.  आलस्य अधिक रहना

बुखार में आलस्य का होना आम बात है और यह बुखार का मुख्या लक्ष्ण होता है सबसे पहले बुखार होने पर शरीर में आलस्य आ जाता है कुछ भी काम करने का मन नहीं करता है शरीर जल्दी थक जाता है बेठे रहने का मन करता है

.  हमेशा सोए रहने का मन होना

बुखार में व्यक्ति को हमेशा सोए रहने का मन करता है जिसको बुखार होता है वह व्यक्ति कोई काम नहीं कर पाता है बस हमेशा सोए रहने का मन करता है आलस्य रहता है जो एक मुख्या लक्ष्ण होता है

.  शरीर में दर्द होना

शरीर में दर्द रहना बुखार का लक्ष्ण होता है जब किसी व्यक्ति को बुखार होने वाला होता है तो सबसे पहले उसका बदन दर्द करने लगता है एंठन होने लगती है बहुत कमजोरी होने लगती है

.  प्यास अधिक लगना

बुखार से पीड़ित व्यक्ति को प्यास बहुत अधिक लगती है वह व्यक्ति खाना नहीं खा पाता है परन्तु उसे थोड़ी थोड़ी देर बाद प्यास लगती रहती है गला सूखता रहता है जो एक बुखार का लक्ष्ण है

.  शरीर का गर्म होना

बुखार में शरीर गर्म होना आम बात होती है बुखार में शरीर का गर्म होना दो प्रकार से होता है एक बुखार में शरीर गर्म होता है परन्तु दूसरा व्यक्ति छू कर महसूस नहीं कर सकता है और दुसरे बुखार में व्यक्ति बुखार को छु कर महसूस कर सकता है

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बुखार का उपचार

बुखार के अलग अलग बहुत से घरेलू उपचार है जो इस प्रकार है

.  उपवास करे

बुखार होने पर आप उपवास करे जादा खाना ना खाए इसे बुखार जल्दी ठीक होता है आयुर्वेद के अनुसार बुखार में उपवास करना उतंम माना गया है

.  बुखार होने पर तुरंत ना नहाए

ध्यान रहे की अगर आपको बुखार है तो आप भूलकर भी तुरंत न नहाए जब आपको बुखार से थोडा आराम मिलने लगे और बुखार ठीक हो जाए तो आप नहाए

.  खुली हवा से दूर रहे

बुखार वाले व्यक्ति के लिए खुली हवा नुक्सानदायक हो सकती है इसलिए जिस व्यक्ति को बुखार हो उसे खुली हवा से दूर रहना चाहिए बाहर नहीं टहलना चाहिए

बुखार का घरेलू उपचार 

बुखार के घरेलू उपचार इस प्रकार है

.  तुलसी है फायदेमंद बुखार के लिए

तुलसी के पते का इस्तेमाल बुखार को ठीक करने के लिए किया जाता है तुलसी के पतों में केल्शियम , जिंक , आयरन जैसे पोषक तत्व पाए जाते है बुखार में तुलसी की चाय पीना बहुत अधिक फायदेमंद होता है आप नार्मल चाय में तुलसी डालकर पी सकते है या आप गर्म पानी में तुलसी डालकर इसका सेवन कर सकते है

.  हल्दी वाला दूध है फायदेमंद बुखार के लिए

हल्दी वाला दूध बुखार के लिए बहुत अधिक फायदेमंद होता है हल्दी में एंटीबेक्टीरियल गुण पाए जाते है इसके अलावा एंटीओक्सिडेंट , एंटी फंगल जैसे तत्व पाए जाते है हल्दी रोग से लड़ने में हमारी मदत करता है इसलिए अगर आपको बुखार है तो आप रात को सोने से पहले एक गिलास हल्दी वाला दूध पिए आपको फायदा होगा

.  पपीते का जूस है फायदेमंद बुखार के लिए

पपीता बुखार के मरीज के लिए अत्यधिक लाभकारी होता है आप बुखार को कम करने के लिए पपीते के जूस का सेवन कर सकते है यह आपके लिए बहुत फायदेमंद होता है पपीते में फाइबर , विटामिन सी , इ , ए , मिनिरल्स पाए जाते है जो हमारे शरीर को उर्जा प्रदान करते है

.  हल्दी और सोठ का पाउडर है फायदेमंद बुखार के लिए

हल्दी और सोठ का पाउडर बुखार के लिए बहुत जादा फायदेमंद होता है इसके इस्तेमाल से बुखार जल्दी ठीक हो जाता है सोठ में फाइबर , सोडियम , आयरन , केल्शियम , जिंक जैसे पोषक तत्व पाए जाते है  आप हल्दी और सोठ का काढ़ा बनाए और इसका सेवन करे इसे बुखार से जल्दी राहत मिलती है

बुखार का आयुर्वेदिक उपचार 

बुखार के आयुर्वेदिक उपचार इस प्रकार है

.  हरिश्रंगार का इस्तेमाल करे

हरिश्रंगार का इस्तेमाल बुखार के लिए बहुत जादा फायदेमंद होता है इसके लिए आपको हरिश्रंगार के पते का रस 10 से 15 मी . ली आपको दिन में 3 या 4 बार ले

.  पीपर , गिलोय , सोंठ का इस्तेमाल करे

.  पीपर , गिलोय , सोंठ का इस्तेमाल बुखार में करना बहुत लाभकारी होता है आपको इन तीनो को बराबर मात्रा में लेना है और उसका काढ़ा बना लेना है और उसके बाद आधा आधा कप आपको 2 या 3 बार ले इसे आपको फायदा होगा

.  शतावरी और गिलोय का रस का इस्तेमाल करे

शतावरी और गिलोय का रस बुखार को कम करने के लिए लाभकारी होता है आपको शतावरी और गिलोय का रस 2 – 2 चमच लेना है और उसको मिला लेना है उसके बाद उसका सेवन दिन में 2 या 3 बार करना है

.  सुदर्शन चूर्ण का इस्तेमाल करे

सुदर्शन चूर्ण का इस्तेमाल कारना बुखार के लिए बहुत अच्छा होता है खासकर मलेरियां के बुखार में आपको चूर्ण पर दी हुई मात्रा का सेवन करना है आपको दिन में इसका सेवन 3 या 4 बार करना है

.  चन्द्रकला रस का इस्तेमाल करे

चन्द्रकला रस का इस्तेमाल आप बुखार में कर सकते है आपको चन्द्रकला रस को 250 मी . ग्राम की मात्रा में लेना है और दिन में 2 या 3 बार सेवन करना है

.  मिश्री का इस्तेमाल करे

मिश्री का इस्तेमाल करना बहुत फायदेमंद आपको मिश्री का इस्तेमाल चूस कर करना है आपको बुखार में बहुत फायदा होगा

.  गोदंती भस्म का इस्तेमाल करे

आपको बुखार होने पर गोदंती भस्म का इस्तेमाल करना है आपको 1 – 1 ग्राम की मात्रा में 3 या 4 बार लेना है |

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बुखार की आयुर्वेदिक औषधियाँ  

बुखार के उपचार के लिए आयुर्वेदिक ओषधियाँ है जो इस प्रकार है

ओषधि                               कंपनी नाम

.  मलानिल                                             धन्वन्तरी

.  चिरकिन                                              ज़ंडू

.  मल्बेट                                                 पईथोफार्म

.  आयुष – 64                                          यूनिवर्सल

.  अमृता                                                  चिरायु

.  फेवरि                                                  आर्य औषधि

.  त्रिवर                                                    अनुजा

.  अयुर्मोल                                                ज़ेटिक

.  अन्तिमल                                               यूनिवर्सल

.  फ्लू फाइव                                             औषधि

बुखार होने पर क्या खाए 

बुखार होने पर आपको किन चीजो का सेवन करना चाहिए जानिए

.  भात का सेवन करे

.  मुंग का सेवन करे

.  मसूर की दाल का सेवन करे

.  अंगूर और अनार का सेवन करे

.  दूध का सेवन करे

.  मिश्री का सेवन करे

.  ग्लूकोज पाउडर का सेवन करे

ध्यान देने वाली कुछ बाते 

.  बुखार होने पर ध्यान रखे की आप बुख लगने की दवाई का सेवन ना करे क्युकी बुखार खत्म होते ही बुख लगने लगेगी और सभी समस्या भी खत्म हो जाएगी

.  बहुत से लोगो को बुखार आने के बाद बहुत अधिक कमजोरी आ जाती है जिसके कारण वह अंडे मांस का सेवन करने लगते है जो की बहुत जादा गलत होता है इसलिए आपको अंडे मांस का सेवन नहीं करना है इसके अलावा आपको दही का सेवन बिलकुल भी नहीं करना चाहिए

.  बुखार हो या ना हो समय पर टॉयलेट जाए अगर आप बुखार होने पर भी टॉयलेट जाते है तो बुखार जल्दी से खत्म होता है

.  बुखार खत्म होने के एक दिन बाद भी दवाई का सेवन करे इसे दोबारा बुखार नहीं होता है

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