गठिया में जिसमे जोड़ो में दर्द होता है जिसके कारण खान पान का अधिक ध्यान रखा जाता है और पूछा जाता है की गठिया में कौन सी दाल खानी चाहिए जिसे आराम मिले

जोड़ो में कार्टिलेज की कमी के कारण गठिया होता है जिसके दोरान जोड़ो में दर्द , सुजन , अकडन होती है क्युकी जोड़ो की हडियाँ चलने उठने बैठने पर घिसती है जिसे दर्द होता है

एसे में समस्या और ज्यादा तब बढ़ जाती है जब व्यक्ति का वजन ज्यादा होता है क्युकी पूरा वजन जोड़ो पर पड़ने लगता है इसलिए जरुरी होता है एसे खान पान का सेवन जिसे गठिया भी कम हो और वजन भी

इसलिए आज हम आपको कुछ एसी दाल के बारे में बताएगे जिसका सेवन अगर आप गठिया में करते है तो आपका वजन भी कण्ट्रोल रहेगा और जोड़ो में दर्द और सुजन भी नहीं होगी

गठिया में कौन सी दाल खानी चाहिए

जानते है उन सभी दाल के बारे में जिसे आपको गठिया में आराम मिले जो इस प्रकार है

(1) . मसूर की दाल का सेवन करे

गठिया में मसूर की दाल का सेवन करना आपके लिए बहुत ज्यादा लाभकारी है क्युकी इसे आपका वजन भी कम होता है और साथ ही इसमें पाए जाने वाले पोषक तत्व दर्द और सुजन को कम करने में आपकी मदत करते है

मसूर की दाल में कैल्शियम , प्रोटीन , फाइबर , सोडियम , फोलेट , पोटैशियम जैसे पोषक तत्व पाए जाते है जो मुख्या गठिया में होने वाले सुजन और जोड़ो के दर्द से आराम दिलाती है

मसूर की दाल में मुख्या एसे तत्व पाए जाते है जो वजन को कण्ट्रोल करते है जब आप मसूर की दाल का सेवन करते है तो जल्दी से भूख नहीं लगती है जिसे आपको वजन कम करने में मदत मिलती है जिसे जोड़ो में दबाव नहीं पड़ता है

(2) . चने की दाल का सेवन करे

गठिया में आप आसानी से चने की दाल का सेवन कर सकते है चने की दाल का सेवन बहुत ज्यादा लाभकारी है चने की दाल में फाइबर , कैल्शियम , विटामिन सी , फास्फोरस जैसे तत्व पाए जाते है

इसके अंदर पाए जाने वाले तत्व हड्डियों को मजबूत करते है साथ ही चने की दाल में एंटी इंफ्लेमेटरी गुण पाया जाता है जो मुख्या रूप से सुजन को कम करने में मदत करती है जिसे आराम मिलता है

अगर आप चने की दाल की सब्जी का सेवन करते है तो आपको लम्बे समय तक भूख नहीं लगती है जिसके कारण आपका वजन जल्दी नहीं बढ़ता है और जोड़ो में दबाव नहीं बढ़ता है

गठिया में आप उपर बताई गई 2 दालो का सेवन कर सकते है इसे आपको आराम मिलेगा परन्तु ज्यादा मात्रा में सेवन न करे और डॉक्टर की सलाह ले

यूरिक एसिड कैसे कम कर सकते है आसानी से

आपको यह पता चल गया है की आप गठिया में किन 2 दाल का सेवन कर सकते है परन्तु इसी के साथ आपको यूरिक एसिड को भी कण्ट्रोल करना चाहिए क्युकी गठिया होने का एक कारण यूरिक एसिड का बढ़ना होता है

जब यूरिक एसिड बढ़ता है तो जोड़ो में दर्द और सुजन जैसी समस्या उत्पन होती है इसके लिए आज हम आपको 2 एसे अनाज के बारे में बताएगे जिसका सेवन अगर आप 1 महीने तक करते है तो आपको गठिया में आराम मिलेगा

(1) . ज्वार और बाजरे की रोटी का सेवन करे

गठिया में और यूरिक एसिड बढ़ने के दोरान ज्वार और बाजरे की रोटी बहुत ज्यादा लाभकारी होती है अगर आप 1 या 2 महीने के लिए गेहूं की रोटी खाना छोड़ देते है और ज्वार या बाजरे की रोटी खाते है तो यूरिक एसिड कम जाता है

इसी के साथ ज्वार और बाजरे की रोटी खाने से आपको कैल्शियम , फास्फोरस , मैग्नेशियम , आयरन विटामिन बी प्राप्त होता है जो शुगर को कण्ट्रोल करता है वजन को कम करने में मदत करता जिसे जोड़ो पर दबाव नहीं पड़ता है

इसी के साथ हृदय के लिए भी ज्वार और बाजरा लाभकारी है इसलिए अगर आप चाहते है यूरिक एसिड कम रहे तो आपको ज्वार और बाजरे की रोटी का सेवन करना है आपको लाभ होगा

परन्तु जब भी आप ज्वार और बाजरे की रोटी का सेवन करे तो ध्यान रखे की बाजरे की तासीर गर्म होती है इसलिए ज्यादा मात्रा में सेवन न करे और गर्मी में इसका सेवन न करे आप दोनों समय ज्वार की रोटी का सेवन कर सकते है

अगर सर्दी का मोषम है तो आप एक समय ज्वार की रोटी खाए और दुसरे समय बाजरे की रोटी खाए एसा आप 1 महीने तक करे आपको आराम मिलेगा

कैसे सेवन करे

गर्मी के मोषम में कैसे लेसिर्फ ज्वार की रोटी खाए सुबह और शाम , बाजरे का सेवन न करे
सर्दी के मोषम में कैसे लेसुबह जवार की रोटी खाए शाम को बाजरे की रोटी खाए
1 महीने तक सेवन करे

गठिया में क्या नहीं खाना चाहिए

जानते है आपको गठिया में क्या नहीं खाना है

(1) . धुम्रपान नहीं करना है (धुम्रपान छोड़ने की होम्योपैथिक मेडिसिन)

(2) . उड़द की दाल

(3) . अरहर की दाल

(4) . पालक

(5) . गोभी

(6) . अरबी

(7) . मांस

(8) . अंडे का सेवन न करे

(9) . छोले

(10) . राजमा

(11) . चावल

आपको गठिया में और यूरिक एसिड बढ़ने पर उपर बताए गए प्रदार्थ का सेवन नहीं करना है

निष्कर्ष

आशा करते है की आपको गठिया में कौन सी दाल खानी चाहिए इसके बारे में पता चल गया होगा और साथ ही आप कैसे यूरिक एसिड को कम कर सकते है ध्यान रहे की जब भी आप अपनी डाईट को बदले तो डॉक्टर की सलाह जरुर ले इसे आपको आसानी होगी

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जानिए कुछ सवालो के जवाब

Q . बाजरे की तासीर कैसी होती है ?

ans . बाजरे की तासीर गर्म होती है इसलिए गर्मी के मोषम में बाजरे का सेवन न करे |

Q . कितनी मात्रा में दाल का सेवन गठिया में करना चाहिए ?

ans . गठिया में आपको 50 ग्राम दाल का सेवन करना चाहिए |

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