व्हील सिलेंडर कार के पीछे वाले ब्रेक ड्रम में लगे होता है और यह ब्रेक ड्रम में दोनों तरफ लगे होता है यह ब्रेक ड्रम में ब्रेक को खोलने का काम करते है जिसे पीछे वाले ब्रेक काम करते है कार में आगे वाले पहिए में डिस्क ब्रेक होते है और पीछे वाले पहिए में ब्रेक लेदर होते है

और दोनों ही ब्रेक अलग अलग प्रकार से काम करते है और कार रूकती है कार में ब्रेक के लिए मास्टर सिलेंडर और बूस्टर लगा होता है और इसी बूस्टर में से पाइप चारो पहियों की ब्रेक से जुड़े होते है और इन पाइप में ब्रेक आयल भरा रहता है

मास्टर सिलेंडर से दो पाइप आगे वाले पहिए में केलिपर में लगे होते है जिसमे डिस्क ब्रेक होते है और दो पाइप पीछे वाले पहिए में लगे होते है व्हील सिलेंडर में जो ब्रेक मारने पर काम करता है जब हम ब्रेक लगाते है तो इन पाइप में प्रेसर बनता है

जिसके कारण आगे लगे डिस्क ब्रेक रूटर से चिपक जाते है इसी के साथ ब्रेक लागने पर अगले पहिए के साथ पीछे ड्रम में लगे व्हील सिलेंडर भी खुलता है जिसे ब्रेक सुश ड्रम से चिपक जाते है और ब्रेक लग जाती है जब हम ब्रेक लगाते है तो चारो पहिए की ब्रेक काम करती है

परन्तु कुछ समय बाद व्हील सिलेंडर लिक हो जाता है और ब्रेक पेडल डाउन चले जाता है और ब्रेक सही से नहीं लगती है बहुत अधिक पेडल दबाने के बाद ब्रेक लगती है यह व्हील सिलेंडर के लिक होने के कारण हो सकता है

आखिर व्हील सिलेंडर लिक होता क्यों है और ब्रेक फ़ैल क्यों हो जाती है इसके कारण अब हम आपको बताएगे की यह समयसा होती क्यों है और कैसे आप इसे सही कर सकते है जानिए

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व्हील सिलेंडर लिक होने के कारण 

व्हील सिलेंडर लिक होने के कारण इस प्रकार है जानिए –

ब्रेक लेदर ख़त्म होने के कारण

व्हील सिलेंडर के लिक होने का सबसे बड़ा कारण होता है ब्रेक लेदर के ख़त्म होने के कारण , जब ब्रेक लेदर ठीक होते है तो व्हील सिलेंडर पर जादा जोर नहीं पड़ता है और व्हील सिलेंडर लिक नहीं होता है और ब्रेक सही काम करती है

परन्तु जब ब्रेक लेदर ख़त्म हो जाते है तो उसके कारण व्हील सिलेंडर पूरा बाहर निकल जाता है और जिसके कारण व्हील सिलेंडर के अन्दर लगे बुश बाहर निकल जाते है और सील भी फट जाती है व्हील सिलेंडर लिक हो जाता है

व्हील सिलेंडर में दोनों तरफ बुश लगे होते है जो ब्रेक मारने पर ब्रेक आयल के प्रेसर से खुलते है अगर यह दोनों बुश सही मात्रा में बाहर निकले तो सही होता है परन्तु अगर ब्रेक लेदर ख़त्म हो जाते है और यह दोनों बुश अगर पुरे बाहर निकल जाते है

तो व्हील सिलेंडर लिक हो जाते है जिसके कारण ब्रेक कम काम करती है कई बार ब्रेक फ़ैल भी हो जाती है और हमारा कार से कण्ट्रोल खो जाता है व्हील सिलेंडर एक साथ खराब हो जाते है तो कभी कभी एक व्हील सिलेंडर भी लिक हो जाता है

व्हील सिलेंडर ही खराब होने के कारण

व्हील सिलेंडर के लिक होने का दूसरा कारण होता है व्हील सिलेंडर का ही लिक हो जाना , जब कार नई होती है तो व्हील सिलेंडर भी सही काम करता है परन्तु जब कार पुरानी हो जाती है

तो धीरे धीरे व्हील सिलेंडर भी कमजोर होने लगता है व्हील सिलेंडर से ब्रेक आयल लिक होने लगता है जब हम बार बार ब्रेक लगाते है तो व्हील सिलेंडर लिक नहीं होता है

परन्तु जब हम कार को कुछ दिन के लिए नहीं चलाते है और खड़ी रखते है जिसके कारण व्हील सिलेंडर जाम हो जाता है और जब हम अचानक से ब्रेक लगाते है तो व्हील सिलेंडर लिक हो जाता है

 व्हील सिलेंडर को कैसे बदल सकते है 

अगर आप चाहते है की आपके कार के व्हील सिलेंडर लिक ना हो तो आप समय समय पर डिस्क ब्रेक और ब्रेक लेदर को बदलवाए और चेक करवाए तभी व्हील सिलेंडर लिक नहीं होगे

व्हील सिलेंडर को बदलने के लिए आपको पीछे वाले पहिए को खोलकर ब्रेक ड्रम को खोलना पड़ेगा उसके बाद आपको व्हील सिलेंडर में लगे ब्रेक आयल वाले पाइप को खोलना है

उसके बाद व्हील सिलेंडर में आपको दो बोल्ड देखने को मिलेगे आपको वह बोल्ड खोलने होगे उसके बाद व्हील सिलेंडर को बाहर निकाल ले और नए व्हील सिलेंडर को लगाए

व्हील सिलेंडर के लगाने के बाद आपको ब्रेक ड्रम को लगा देना है और उसके बाद आपको ब्रेक की हवा निकालनी पड़ेगी ,  व्हील सिलेंडर की हवा आप व्हील सिलेंडर में लगे एक बोल्ड की मदत से निकाल सकते है

ध्यान रहे की व्हील सिलेंडर को लगाने के बाद आप ब्रेक दो बार बार प्रेस करके चेक कर ले और थोड़ी देर कार को चलाए और उसके बाद कार को बंद करके व्हील सिलेंडर की लिक को चेक कर ले |

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जानिए कुछ सवालो के जवाब 

Q . व्हील सिलेंडर कितने का होता है ?

ans . किसी भी कार का व्हील सिलेंडर 500 से लेकर 1000 रूपये तक का होता है |

Q . व्हील सिलेंडर काम कैसे करता है ?

ans . व्हील सिलेंडर में दो बुश होते है जो ब्रेक आयल के प्रेसर की मदत से अन्दर और बाहर होता है जिसके कारण ब्रेक काम करती है |

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