अगर आपके पास डीजल कार है तो आपने कभी न कभी इंजेक्टर जरुर रिपेयर करवाए होंगे परन्तु क्या आपको पता है डीजल कार में इंजेक्टर कोडिंग क्यों जरूरी है

डीजल कार में इंजेक्टर बहुत ही महत्वपूर्ण पार्ट होता है क्युकी यह इंजन में डीजल को स्प्रे करता है जिसे कार स्टार्ट होती है और जब इंजेक्टर खराब होते है तो अलग अलग समस्या उत्पन होती है

उनमे से एक समस्या है सफ़ेद धुआँ जब भी सुबह के समय कार स्टार्ट करते है तो कार के एग्जॉस्ट से सफ़ेद धुआँ निकलता है इसके अलावा साउंड , पिकप , मिसिंग आदि समस्या होती है

इन समस्या के होते ही आप इंजेक्टर को रिपेयर करवा लेते है और इंजेक्टर फिट करवाकर कार स्टार्ट कर देते है परन्तु कार में समस्या उत्पन हो जाती है मिसिंग होने लगती है या knocking बढ़ जाती है

एसा क्यों होता है सोचा है क्या आपने सोचा है की ecm कैसे इंजेक्टर के द्वारा फ्यूल स्प्रे करता है ecm को कैसे पता चलता है की कौन से पिस्टन पर कब स्प्रे करना है

जिस मैकेनिक को यह नहीं पता होता है उसको इंजेक्टर कोडिंग का पता नहीं होता जिसके कारण इंजेक्टर रिपेयर करवाने के बाद भी समस्या बनी रहती है इसलिए आज हम इंजेक्टर कोडिंग के बारे में पूरी जानकारी देंगे और बताएगे की क्या इसकी जरूरत होती है डीजल कार में

इंजेक्टर कोड क्या है

आपने डीजल इंजेक्टर को देखा होगा उसके सबसे उपर की तरफ कुछ नंबर लिखे होते है एक बार कोड होता है साथ में पार्ट नंबर लिखा होता है और एसा सभी इंजेक्टर पर होता है

परन्तु आपको सभी इंजेक्टर पर पार्ट नंबर और बार कोड तो एक जैसा दिखाई देगा परन्तु इंजेक्टर का मुख्या नंबर अलग अलग देखने को मिलेगा सभी इंजेक्टर का नंबर अलग अलग होता है

और यही नंबर इंजेक्टर के कोड होते है और इन्ही के द्वारा इंजेक्टर कोडिंग की जाती है इसके नंबर अलग अलग क्यों होते है इसके बारे में आपको निचे डिटेल में बताएगे यह मुख्य जानकारी है

डीजल कार में इंजेक्टर कोडिंग क्यों जरूरी है

अधिकतर कम्पनी की कार 3 सिलिंडर या 4 सिलिंडर होती है और हर एक सिलिंडर के लिए एक इंजेक्टर लगा होता है अगर 4 सिलिंडर इंजन है तो 4 इंजेक्टर लगे होते है और उन सभी के उपर कोड होता है

और जब भी हम कार को स्टार्ट करते है तो हर एक सिलिंडर में इंजेक्टर पिस्टन की पोजीशन के अनुसार फ्यूल स्प्रे करता है जैसे जैसे पिस्टन उपर आता है तो इंजेक्टर फ्यूल स्प्रे कर देता है

अब इंजेक्टर को कैसे पता चलता है की स्प्रे करना है उसके लिए ecm लगा होता है ecm में सभी डाटा होता है ecm के पास सभी सिलिंडर के इंजेक्टर के उपर लिखे कोड होते है

ecm को पता होता है की पहले सिलिंडर में किस कोड का इंजेक्टर है और चोथे इंजेक्टर में किस कोड का इंजेक्टर लगा है इंजेक्टर को कब और कितना फ्यूल स्प्रे करना है यह ecm पर निर्भर होता है

ecm इसकी जानकारी crankshaft sensor और camshaft sensor से लेता है जैसे ही पहले सिलिंडर का पिस्टन उपर आता है तो crankshaft sensor और camshaft sensor ecm को signal भेजता है और ecm पहले सिलिंडर में इंजेक्टर के द्वार फ्यूल स्प्रे करवाता है

अब मान लीजिये की आपकी कार के 3 नंबर सिलिंडर के इंजेक्टर में समस्या हुई और इंजेक्टर कम फ्यूल की सप्लाई करने लगा जिसके कारण इंजन में मिसिंग knocking की समस्या होने लगी

उस समय में ecm इंजेक्टर के उपर लिखे कोड से पता कर लेता है की इंजेक्टर 3 नंबर सिलिंडर में लगा है और तीन नंबर सिलिंडर में फ्यूल कम स्प्रे हो रहा है और फ्यूल की मात्रा को बढ़ा देता है

इसी प्रकार ecm को इंजेक्टर के कोड के द्वारा पता होता है की कौन सा इंजेक्टर किस सिलिंडर में लगा है और समस्या होते ही कोड के माध्यम से समस्या को ठीक करता है ,

अब मान लीजिये आपने इंजेक्टर को कार से निकलवाया और रिपेयर करवा लिया उसके बाद मैकेनिक ने पहले नंबर का इंजेक्टर 2 में लगा दिया और 4 नंबर का इंजेक्टर 1 में लगा दिया इस प्रकार इंजेक्टर को फेर बदल कर दिया

जिसके कारण सिलिंडर में लगे इंजेक्टर के कोड में भी फेर बदल हो गया ecm के पास जो डाटा है वह पुराने इंजेक्टर के अनुसार है और मैकेनिक ने इंजेक्टर फेर बदल कर दिए

अब अगर आप कार को स्टार्ट करते है तो ecm फ्यूल की सप्लाई पुराने डाटा के अनुसार करेगा जिसके कारण इंजन में समस्या होगी जो पहले नंबर का इंजेक्टर 2 में लगाया था ecm उसे पहले नंबर में ही सोचेगा और फ्यूल स्प्रे करेगा

इसको ठीक करने के लिए इंजेक्टर कोडिंग की जरूरत पड़ती है इसके द्वारा ecm को बताया जाता है की कौन का इंजेक्टर कौन से सिलिंडर में लगा है ताकि ecm सही फ्यूल स्प्रे कर सके

इसलिए ही डीजल कार में इंजेक्टर की कोडिंग बहुत ज्यादा जरुरी होती है और इंजेक्टर को रिपेयर करवाने के बाद या खुलवाने के बाद कोडिंग करनी पड़ती है

इंजेक्टर कोडिंग कैसे करे

इंजेक्टर कोडिंग को आप आसानी से कर सकते है पर उसके लिए आपको स्कैनर की जरूरत पड़ेगी तभी आप ecm के अंदर नया डाटा फीड कर सकते है जिसे ecm को सभी कोड का पता चले

इंजेक्टर कोड के लिए जब आप स्कैनर को चालु करेगे तो उसमे आपको 4 सिलिंडर का ऑप्शन आएगा आपको सबसे पहले पहले नंबर के सिलिंडर पर क्लिक करना है स्कैनर आपसे कोड मांगेगा आपको कार के बोनट को खोलना है और पहले नंबर के इंजेक्टर के उपर लिखे कोड को डालना है और ओके करना है

एक बात का ध्यान रखे की गलती से पार्ट नंबर को न डाल दे इंजेक्टर के कोड को ही डाले जो थोडा लम्बा होता है उसी प्रकार आपको स्कैनर में 2 नंबर सिलिंडर को क्लीक करना है और 2 नंबर इंजेक्टर के कोड को डालना है और ओके कर देना है इस प्रकार आपको सभी इंजेक्टर के कोड को डालकर ओके कर देना है

उसके बाद आखिर में एक बार सभी कोड को चेक करना कही पर गलती न हो गई हो सब ठीक होने पर ओके करे इंजेक्टर कोडिंग हो जाएगी उसके बाद कोई समस्या नही होगी इंजेक्टर कोडिंग की समस्या तभी आती है जब रिपेयर के बाद इंजेक्टर की जगह को बदल दिया जाता है फिर बदल कर दिया जाता है

निष्कर्ष

आशा करते है की आपको डीजल कार में इंजेक्टर कोडिंग क्यों जरूरी है इसके बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी और अब आपको इसे जुडी समस्या नहीं होगी एक बात का ध्यान रखे की जब भी इंजेक्टर को खुलवाये या बाहर निकलवाये तो पहले ही उस पर मार्क लगा ले जिसे पता रहे यह एक नंबर का है या 2 नंबर का है इसे आप बिना कोडिंग करे भी इंजेक्टर को लगा सकते है समस्या नहीं होगी कोई भी समस्या होने पर कमेंट करे हम मदत करेगे