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बीमा किसे कहते है

बीमा किसे कहते है बीमा जो है वो कम्पनी और जो बीमा खरीद रहा है उसके बीच एक अग्रीमेंट होता है उसमे ये होता है की आप ने बीमा खरीदा है और उस बीमे की क़िस्त देने के आप हकदार हो और बदले मैं बीमा कम्पनी आपके अगर कोई घटना होती है

तो उसका भुगतान करने के लिए बाध्य होगी और उसकी सुरक्षा का एक वादा करती है और पालिसी के अनुसार उसे समय समय पर भुगतान करना होता है

बीमा किसे कहते है बीमा जो है वो कम्पनी और जो बीमा खरीद रहा है उसके बीच एक अग्रीमेंट होता है उसमे ये होता है की आप ने बीमा खरीदा है और उस बीमे की क़िस्त देने के आप हकदार हो और बदले मैं बीमा कम्पनी आपके अगर कोई घटना होती है

बीमा कितने प्रकार का होता है

बीमा तीन प्रकार का होता है वो इस प्रकार है

जीवन बीमा ( लाइफ इन्सुरेंस )  ये बीमा इंसानों का किया जाता है और इंसानों का जोखिम को कवर करता है

साधरण बीमा ( general insurance ) ये बीमा चोरी दुर्घटना भूकम मेडिकल हेल्थ आय हवाई यात्रा आदि के जोखिम को कवर किया जाता है

पुनबीमा ( re -insurance ) इसमें खुद बीमाकरता अपने आप को जोखिम से बचाने के लिए  किसी और कम्पनी को जोखिम दे देता है

बीमा कितने प्रकार से बेचा जाता है

बीमा दो प्रकार से ही बेचा जा सकता है

डायरेक्ट मार्केटिंग – इसमें कार्यालय मैं बेचा जाता है या इन्टरनेट के माध्यम से

indirect मार्केटिंग – बीमा एजेंट के द्वारा , ब्रोकर के माध्यम से से बेचा जाता है

जीवन बीमा कम्पनी कौन कौन से प्रोडक्ट बेचा जाता है

अवधि बीमा योजनाये ( term  insurance)

बंदोबस्ती योजनाये ( endowment plans )

धन वापसी योजनाये / मनी बेक योजनाये ( money back plans )

आजीवन बीमा योजनाये ( whole life plans )

पेनसन और बचत योजनाये ( पेंशन plans )

यूनिट लिकड बीमा योजनाये ( यूलिप ) ( यूनिट लिंक्ड insurance plans )

बीमा का इतिहास क्या है

बीमा के इतिहास को तीन भागो मैं बाटा गया है

पहला चरण – पूर्व भारत मैं 240 प्राइवेट कंपनिया बीमा का काम कर रही थी और सितम्बर 1956 मैं सभी प्राइवेट कम्पनी को इकट्टा किया गया और उनका राष्टीयकरन कर के एक कम्पनी बनाया गया जिसको  भारतीय जीवन बीमा निगम का नाम दिया गया

दूसरा चरण – सन 1999 मैं मल्होत्रा समिति के गुज़ारिश करने पर बीमा बाज़ार को प्राइवेट कंपनियों के लिए खोला गया

पर इसमें विदेशी कंपनियों को भारतीय बाज़ार मैं  भारतीय कंपनियों के साथ भागीदारी करने की अनुमति मिली विदेशी कम्पनी 26 % से अधिक का हिस्सेदारी नही रख सकता है

और बीमा अधिनियम के धारा 114A के अंतर्गत IRDA को विनियम बनाने की शक्ति प्राप्त है

और ये पालिसी धारक के हितो की रक्षा करती है

चरण तीन

इसमें बीमा अधिनियम 1938 के अनुसार तथा GIBN मैं बदलाव किया गया

और भारत मैं सामान्य बीमा के लिए आई सी ( GIC ) और इसकी चार सहायक कंपनियों के अन्यय विशेष अधिकार को हटा दिया गया  और इसी के अनुसार समान्य बीमा बिज़नेस के लिए प्राइवेट कम्पनी के लिए खोल दिया गया

बीमा एजेंट कैसे बने

बीमा अधिनियम के अनुसार अगर आप बीमा एजेंट बनना चाहते है तो उसके लिए आपकी उम्र 18 साल होनी चाहिए ,

अगर आप 5 हज़ार से अधिक आबादी वाले जगह पर रहते है तो उसके लिए आपका 12th होना जरुरी है अगर आबादी उससे कम है तो उसके लिए आपको 10 th पास होना चाइये

और आपको IRDA के द्वारा 50 घंटे की ट्रेनिंग और उसके बाद परीक्षा पास होना चाहिए

आप जिस भी कम्पनी मैं एजेंट बनोगे आप जो भी बीमा प्रोडक्ट सेल करोगे उसके बारे मैं ग्राहक को सही जानकारी देना होता है

पॉलिसीधारको के हितलाभ 

बीमा कवर तथा निवेश risk cover & investment

घटना घटित होने पर बीमा धनराशी की सीमा तक उसकी नुकसान को भरना

धारा 80c के अंतर्गत एक लाख तक कर लाभ ततस नामित या पॉलिसीधारक द्वारा प्राप्त मुर्त्यु  या या जो भी पैसा मिलेगा वो टैक्स फ्री होगा धारा 10 (10D )

विभिन्न आयु वर्ग के इंसानों के लिए उनकी जरुरतो के अनुरूप विभिन्न उत्पाद उपलब्ध है

बीमा बचत की आदतों को प्रोत्साहन देता है

सरलता से लोन की उपलब्धता

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