ह्रास कैसे लगाया जाता है | How to calculate depreciation hindi
हम ह्रास लगाने के फैक्टर को हम आज बताने वाले है की कैसे लगाया जाता है और आपके स्टेप by स्टेप हम आपको समझाने की कोशिश कर रहे है
आपको इन फैक्टर को ध्यान से देखना है
सम्पति की लागत ( cost of asset )
इसमें उन सभी खर्चो का योग किया जाता है जो सम्पति प्राप्त करने के लिए किया जाता है दुसरे शब्दों मैं सम्पति की लागत मैं सम्पति की लागत स्थापित करने के खर्च , भाडा तथा सम्पति को लदवाने और उतारने के लिए दी गयी मजदूरी भी शामिल है साधारण शब्दों मैं जब भी हम कोई सम्पति खरीदते है तो उसको लाने के लिए जो भी खर्चा होता है या जो भी खर्चा होता है उसे हम सम्पति के cost मैं जोड़ देते है
मूल लागत =क्रय मूल्य +लगवाने का खर्च + और भाडा
सम्पति का अनुमानित उपयोगी जीवन काल ( estimated useful life time of asset)
इसमें आपको सम्पति के कब तक चलेगी इसके बारे मैं बताया जाता है उसका जीवन काल कितना होगा और कितने समय सीमा तक वह सम्पति चलेगी और कब तक वह सम्पति कार्य करेगी यहा पर यह जानना भी बहुत ही जरुरी है की सम्पति की उत्पादन सकती कितनी होगा यह बहुत ही जरुरी है जैसे मान लो एक सम्पति 20 साल तक इस्तेमाल किया जा सकता है लेकिन उसकी उत्पादन शमता जो है वो 10 साल तक ही है तो हम इस सम्पति का जीवन हम 10 साल तक ही माना जायेगा
सम्पति का अनुमानित अवशेष मूल्य ( estimated scrap value or residual value of asset )
वह राशी जो सम्पति का उपयोगी जीवन काल समाप्त होने पर प्राप्त होती है अवशेष मूल्य या विघटन मूल्य कहलाती है यह राशि सम्पति की मूल लागत मैं से घटाने के बाद ह्रास का निर्धारण करने मैं मदद करती है जैसे मान लो सम्पति की लागत 40000 रूपये है और उसे लगवाने का खर्च 2000 , भाडा 1000 तथा अवशेष मूल्य 3000 है इसका अनुमानित जीवन 10 साल है तो ह्रास 40000 ( 40000+2000+1000-3000) पर लगाया जायेगा इस दशा मैं सम्पति पर लगाया जाने वाला ह्रास होगा
Depreciation =original-scrap value/estimated useful life in years
43000-3000/10=4000
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