आज हम आपको इन्फ्लूएंजा क्या है इसके बारे में बताएगे यह क्या है क्यों होता है इसके कारण लक्ष्ण इलाज बचाव आदि के बारे में बताएगे

यह एक तरह का वायरल संक्रमण है जो जानवरों और इंसानों दोनों को हो सकता है और कई दिनों तक बना रहता है जिसके कारण बुखार , सर्दी जुकाम आदि जैसी समस्या होती है

इन्फ्लूएंजा सबसे पहले 1918 से 19 में फैली थी स्पेन में उसके बाद 1957 में यह चाइना में फ़ैल गई थी फिर 1957 में यह पक्षियों में फैली थी और साथ ही यह इंसानों में फ़ैल गई थी

उसके बाद इन्फ्लूएंजा 2003 से 4 में मुर्गो में फ़ैल गई थी जिसके कारण मुर्गे मरने लगे थे उसके बाद 2009 में इन्फ्लूएंजा सूअर में फ़ैल गई थी और सूअर से यह इंसानों में फ़ैल गई थी इस प्रकार यह समस्या चलती आ रही है जानते है इन्फ्लूएंजा के बारे में पूरी जानकारी

इन्फ्लूएंजा क्या है

इन्फ्लूएंजा-क्या-है

इन्फ्लूएंजा को फ्लू (flu) भी कहाँ जाता है और इन्फ्लूएंजा मुख्या रूप से विषाणु से होने वाला रोग होता है इस प्रकार इन्फ्लूएंजा एक वायरल संक्रमण है

इन्फ्लूएंजा होने का मुख्या कारण है आर्थोमिक्सो वाइरस इस वायरस के कारण ही इन्फ्लूएंजा की समस्या उत्पन होती है आर्थोमिक्सोवाइरस में RNA जीनोम होता है

आर्थोमिक्सो वाइरस विषाणु के अंदर RNA अनुवांशिक प्रदार्थ पाया जाता है और यह RNA चारो तरफ से प्रोटीन और ग्लाइकोप्रोटीन से घिरा रहता है

कुछ आर्थोमिक्सो वाइरस विषाणु में न्युरामीनिडेज और हेमाग्लगुटीनिन एंजाइम पाया जाता है और इन एंजाइम की मदत से ही यह हमारे सांस लेने के माध्यम से शरीर में प्रवेश करता है

और हमे संक्रमित करता है यह आसानी से एक व्यक्ति से दुसरे में फ़ैल जाता है अगर कोई संक्रमित व्यक्ति खास्ता है और सवस्थ व्यक्ति उसके सम्पर्क आता है तो उसे भी भी इन्फ्लूएंजा हो सकता है

इन्फ्लूएंजा क्यों होता है

अब हम आपको इन्फ्लूएंजा क्यों होता है और इसके क्या कारण होते है इसके बारे में बताएगे जिसके बारे में आपको निचे देखने को मिल जाएगा

इन्फ्लूएंजा क्यों होता है ?

इन्फ्लूएंजा मुख्या रूप से आर्थोमिक्सोवाइरस वायरस के कारण होता है जब यह वायरस सांस के द्वारा हमारे शरीर में जाता है तो हम इसे संक्रमित होते है और हमे इसके लक्ष्ण दिखाई देते है इन्फ्लूएंजा वायरस 4 प्रकार के होते है इन्फ्लूएंजा ए , बी , सी , डी

इन्फ्लूएंजा की समस्या ए , बी वायरस के कारण होती है यह मोश्म के प्रभाव के कारण है सर्दी के मोश्म में यह ज्यादा फैलता है देखा गया है की अमेरिका में हर सर्दी में लोग इन्फ्लूएंजा से संक्रमित होते है और इन्फ्लूएंजा सी मुख्या रूप से हमारे सांस पर प्रभाव डालता है

आमतोर पर देखा गया है की हम टिके की मदत से इन्फ्लूएंजा ए और बी से बच सकते है परन्तु सी के लिए कोई टिका नहीं है और इन्फ्लूएंजा डी मुख्या सिर्फ मवेशियों को ही प्रभावी करता है ए वायरस जानवर में भी पाए जाते है जैसे सूअर , घोडा , मुर्गी आदि परन्तु बी सिर्फ मनुष्य पर ही प्रभाव डालता है

इन्फ्लूएंजा के कारण

(1) . संक्रमित व्यक्ति के छिकने और खासने से इन्फ्लूएंजा फ़ैल सकता है

(2) . किस करने से इन्फ्लूएंजा फ़ैल सकता है

(3) . अगर कोई संक्रमित व्यक्ति किसी समान जैसे बोतल , कपडे , टीवी , रिमोर्ट , बर्तन , मोबाइल , चार्जर , चाभी को छूता है और उसके बाद उसी सामान को सवस्थ व्यक्ति छू लेता है और वह अपने हाथो से अपने मुहँ या नाक को छूता है तो सवस्थ व्यक्ति संक्रमित हो जाता है

(4) . सांस लेने के माध्यम से इन्फ्लूएंजा अधिक फैलता है

(5) . इन्फ्लूएंजा छोटे बच्चे और 65 साल से उपर के व्यक्ति में होती है

(6) . कमजोर इम्यून सिस्टम होने के कारण इन्फ्लूएंजा हो सकता है

(7) . प्रेगनेंसी के दुसरे और तीसरे महीने में इन्फ्लूएंजा होने का खतरा रहता है

(8) . अगर कोई व्यक्ति लम्बे समय से बीमार है तो उसको इन्फ्लूएंजा होने का खतरा रहता है

इन्फ्लूएंजा के लक्ष्ण

इन्फ्लूएंजा की समस्या के दोरान मरीज में अलग अलग लक्ष्ण दिखाई देते है जिसके बारे में आपको निचे देखने को मिल जाएगा जो इस प्रकार है

(1) . रोगी को बहुत तेज बुखार होता है बुखार 100 से लेकर 103 f तक होता है और देखा गया है की बच्चे को ज्यादा बुखार हो जाता है

(2) . चेहरे पर बहुत अधिक पसीना आता है

(3) . मरीज की नाक बहने लगती है

(4) . बहुत अधिक ठण्ड लगने लगती है

(5) . साँस लेने में समस्या होती है खांसी अधिक आती है

(6) . बहुत छींक आने लगती है

(7) . बहुत तेज सिर में दर्द होता है

(8) . मांशपेशियो में दर्द होने लगता है

(9) . बहुत अधिक थकान और कमजोरी महसूस होती है

(10) . मरीज को भूख बहुत कम लगने लगती है

(11) . मतली और उलटी की समस्या होने लगती है ]

(12) . दस्त लग जाती है

(13) . गला खराब हो जाएगा

(14) . आँखों में दर्द होगा

यह सभी लक्ष्ण इन्फ्लूएंजा होने के 2 दिन बाद दिखाई देते है और लगभग एक हफ्ते तक रह सकते है इसलिए अगर आपको यह लक्ष्ण दिखाई दे तो आप डॉक्टर की सलाह जरुर ले

इन्फ्लूएंजा की जांच

जब भी किसी व्यक्ति को इन्फ्लूएंजा संक्रमण होता है या वह सभी लक्षणों को लेकर डॉक्टर के पास जाता है तो डॉक्टर सबसे पहले मरीज की उम्र , लक्षणों उसकी रोज की जीवन शेली के बारे में पता करता है

और जांचता है की क्या यह व्यक्ति संक्रमित व्यक्ति के सम्पर्क में आया तो नहीं है अगर आया होता है तो सभी लक्षणों की जांच की जाती है और चेक किया जाता है की मरीज इन्फ्लूएंजा ए या बी से संक्रमित है या नहीं है

इसके लिए कुछ टेस्ट किये जाते है उन टेस्ट की मदत से पता लगाया जाता है की मरीज इन्फ्लूएंजा ए से संक्रमित है या बी से संक्रमित है इस टेस्ट के दोरान अगर टेस्ट पॉजिटिव आया है तो आप इन्फ्लूएंजा से संक्रमित है

इसके बाद इन्फ्लूएंजा ए और बी का अलग अलग टेस्ट किया जाता है इसके लिए कुछ ब्लड टेस्ट किए जाते है और समस्या का पता लगाया जाता है

इन्फ्लूएंजा का इलाज

इन्फ्लूएंजा वायरस अगर आपको नेचुरल तरीके से ठीक होता है आपको खुद आराम मिल जाता है तो बहुत अच्छा है इसे आपको बहुत फायदा है परन्तु अगर इन्फ्लूएंजा खुद ठीक नहीं होता है तो

मरीज को आराम करने की सलाह दी जाती है जितना हो सके आपको आराम करना है और ज्यादा से ज्यादा पानी का सेवन करना है ताकि डीहाईडरेशन न हो आपको

इसके साथ ही अगर मरीज को बुखार होता है तो उसे aspirin दी जाती है अगर मांशपेशियो और जोड़ो में दर्द रहता है तो ibuprofen दी जाती है

इसके साथ ही अगर आपके शरीर में सुजन या दर्द हो रहा है तो anti inflammatory drugs दी जाती है इसके साथ ही इन्फ्लूएंजा एक वायरस है तो आप anti viral drugs भी दी जाती है

इन सभी के माध्यम से जो इन्फ्लूएंजा के दोरान लक्ष्ण दिखाई देते है उनसे आपको बहुत राहत मिलती है और धीरे धीरे समस्या ठीक होती है

इन्फ्लूएंजा से बचाव

इन्फ्लूएंजा से बचने के लिए आपको बहुत सी बातो का ध्यान रखना होगा जिसके बारे में आपको निचे देखने को मिल जाएगा जो इस प्रकार है

(1) . अधिक से अधिक पानी जूस का सेवन करे

(2) . किस भी प्रकार का स्मोक और एल्कोहल आपको नहीं करना है

(3) . नाक बंद होने के बाद आप स्टीम ले सकते है

(4) . समय समय पर वेक्सिन लगवाए

(5) . किसी भी समान को आप छूने से बच्चे

(6) . मुहँ और नाक को ढक कर रखे

(7) . घर पर रहने की कोशिस करे

(8) . लोगो से मिलना जुलना कम से कम करे

(9) . ज्यादा से ज्यादा आराम करे

(10) . कोई भी फल या प्रदार्थ खाने से पहले उसे धो ले और साथ ही हाथो को भी धोएँ

(11) . अपने नाक को मुहँ को छूने से बचे

(12) . अपने इन्फ्लूएंजा वायरस के बारे में आस पास के व्यक्ति को बता दे ताकि वह चोकने रहे

अगर आपको इन्फ्लूएंजा वायरस है तो उपर बताई गई बातो का ध्यान रखे

किन लोगो में इन्फ्लूएंजा फैलता है

कुछ एसे कारण होते है जिनसे इन्फ्लूएंजा का जोखिम बढ़ जाता है जानते है उन सभी जोखिम के बारे में जो इस प्रकार है

(1) . बच्चे और 60 साल की उम्र

देखा गया है की इन्फ्लूएंजा वायरस सबसे ज्यादा छोटे बच्चे और 60 साल की उम्र के बाद के व्यक्ति को ज्यादा होता है इसलिए ध्यान रखे

(2) . संक्रमित के साथ रहने से

जो व्यक्ति संक्रमित के पास ज्यादा रहते है जैसे की हॉस्पिटल में नर्स रहती है तो उनको इन्फ्लूएंजा होने का खतरा सबसे ज्यादा होता है

(3) . जिन व्यक्ति का इम्यून सिस्टम कमजोर है

देखा गया है की जिन व्यक्ति का इम्यून सिस्टम कमजोर होता है उनके शरीर में इन्फ्लूएंजा के वायरस जल्दी जाते है और संक्रमित करते है

(4) . अगर किसी व्यक्ति को कोई पुरानी बिमारी है

अगर किसी व्यक्ति को लम्बे समय से कोई बिमारी है जो चलती आ रही है और ठीक नहीं हो रही है जैसे हृदय से जुडी समस्या या मधुमेह की समस्या है तो इन्फ्लूएंजा होने का खतरा ज्यादा होता है

(5) . प्रेग्नेंट महिलो को ज्यादा खतरा होता है

प्रेगनेंसी के दोरान महिला को इन्फ्लूएंजा होने का खतरा ज्यादा होता है प्रेगनेंसी के दुसरे और तीसरे महीने में यह खतरा सबसे ज्यादा होता है

इन्फ्लूएंजा में क्या खाना चाहिए

इन्फ्लूएंजा के दोरान या उसके बाद व्यक्ति बहुत कमजोरी महसूस करता है एसे में डॉक्टर मरीज को आराम करने की सलाह देता है परंतु साथ में खान पान पर ध्यान देने को कहता है

इन्फ्लूएंजा के मरीज को अपने खान पान में विटामिन्स और प्रोटीन युक्त खाद्य प्रदार्थ का सेवन करना चाहिए इसे शरीर को शक्ति मिलती है जिसे वह इन्फ्लूएंजा से लड़ लड़ सकता है

इसलिए आज हम आपको बताएगे की आप इन्फ्लूएंजा में किन खाद्य प्रदार्थ का सेवन कर सकते है जो इस प्रकार है

(1) . नारियल पानी का सेवन करे

इन्फ्लूएंजा वायरस के दोरान आप नारियल पानी का सेवन कर सकते है क्युकी इन्फ्लूएंजा के दोरान शरीर में पानी की कमी होती है पानी की कमी को पूरा करने के लिए नारियल पानी सबसे अच्छा स्त्रोत है इसमें गुलुकोज़ और इलेक्ट्रोलाइट्स बहुत लाभकारी है

(2) . शहद का सेवन करे

इन्फ्लूएंजा की समस्या के लिए शहद बहुत अच्छा स्त्रोत है जब इन्फ्लूएंजा के दोरान हमारा गला खराब हो जाता है उस समय में शहद बहुत लाभकारी होता है इसके साथ ही शहद इम्यून सिस्टम को बढ़ाने के लिए बहुत अच्छा है आप शहद का सेवन कर सकते है

(3) . गर्म सूप का सेवन कर सकते है

इन्फ्लूएंजा की समस्या के लिए गर्म सूप का सेवन करना बहुत अच्छा स्त्रोत है यह हमारे नाक और साइनस से बलगम को साफ़ करने में हमारी मदत करती है

(4) . हरी सब्जियों का सेवन करे

अगर आपको इन्फ्लूएंजा वायरस है तो आप हरी सब्जियों का सेवन जरुर करे इसे आपको इन्फ्लूएंजा से लड़ने के लिए शक्ति मिलती है और साथ ही हरी सब्जियों में विटामिन्स , मिनिरल्स होता है जो हमारे शरीर के लिए लाभकारी होता है

निष्कर्ष

आशा करते है की आपको इन्फ्लूएंजा क्या है इसके बारे में पता चल गया होगा और अब आप उपर बताई गई सभी बातो का ध्यान रखेगे अगर आपको इन्फ्लूएंजा के लक्ष्ण दिखाई देते है तो आपको तुरंत ही डॉक्टर के पास जाना चाहिए और जांच करवानी चाहिए ताकि कोई समस्या न हो

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जानिए कुछ सवालो के जवाब

Q . इन्फ्लूएंजा में क्या खाना चाहिए ?

ans . इन्फ्लूएंजा वायरस में आपको चिकन सूप , गर्म चाय , अदरक , शहद , नारियल पानी , हरी सब्जियाँ आदि खानी चाहिए |

Q . इन्फ्लूएंजा वायरस कितने दिन में असर दिखाता है

ans . इन्फ्लूएंजा के लक्ष्ण 2 से 3 दिन में दिखाई देने लगते है |

Q . इन्फ्लूएंजा वायरस किस जीवाणु के कारण होता है

ans . आर्थोमिक्सो वाइरस के हमारे शरीर में प्रवेश करने के कारण इन्फ्लूएंजा होता है |

Q . इन्फ्लूएंजा सबसे ज्यादा कैसे फैलता है ?

ans . इन्फ्लूएंजा वायरस हवा में फ़ैल जाने वाला वायरस है और यह साँस के द्वारा , संक्रमित व्यक्ति के सामान को छूने से फैलता है |

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