जानते है हर्निया रोग क्या है जब हमारे पेट के किसी भी अंग में कोई भी मसल्स ढीली हो जाती है और बाहर की तरफ उभरने लगती है तो इसे ही हर्निया रोग कहते है
और हर्निया की समस्या दिन प्रतिदिन बढती जाती है कम नहीं होती है हर्निया नाभि वाली जगह पर हो सकता है या नाभि के उपर वाली जगह पर हो सकता है ज्यादातर हार्निया पेट में ही होता है जिन लोगो को शुगर की समस्या होती है उन लोगो में हर्निया की समस्या ज्यादा होती है
या जब किसी व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता ख़त्म हो जाती है उन लोगो में हर्निया की समस्या देखि जाती है हर्निया की समस्या उन लोगो को ज्यादा होती है जो ज्यादा वजन उठाने का काम करते है
हर्निया की समस्या होने पर पेट उभरा हुआ लगता है जैसे कोई सुजन हुआ हो और जब आप लेट जाते हो तो यह सुजन हुआ हिसा अन्दर की तरफ दोबरा चला जाता है
देखा गया है की जिन लोगो में हर्निया की समस्या होती है उनको खड़े होने में ज्यादा समस्या उत्पन होती है और अगर वह लेट जाता है तो उनको बहुत ज्यादा आराम मिलता है
हर्निया रोग क्या है
हमारे शरीर में बहुत सी जगह होती है जहाँ हमे बहुत ज्यादा कमजोरी होती है जैसे की ज्यादातर पेट में और जांघो में और इस कमजोरी के कारण हमारे शरीर के अन्दर जो अंग होते है
वह अंग जब बाहर आने की कोशिस करते है या बाहर आ जाते है कमजोरी के कारण और जब हमें बाहर में उभरा हुआ लगता है सुजन जैसा तो हम उसे हर्निया रोग कहते है
आम भाषा में कहाँ जाए तो जब हमारे शरीर का कोई अंग एक जगह से हिलकर दूसरी जगह चले जाए या जाने की कोशिस करे तो हम उसे हर्निया रोग कहते है
हर्निया को पहचाने का सबसे अच्छा तरीका देखा गया है की जब हम कोई वजन उठाने का काम करते है या खांसते है तो हर्निया बढ़ जाता है सुजन बढ़ जाती है
और जब हम लेट जाते है अपने शरीर को आराम देते है कोई काम नहीं करते है तो यह उभरा हुआ भाग हर्निया कम हो जाता है हमें आराम मिलता है
हमारे शरीर में सबसे ज्यादा इंग्वाइनल हर्निया होता है जो ग्रोइन में होता है और यह सबसे ज्यादा पुरुषो में होता है इसके अलावा भी हर्निया कई प्रकार के होते है
अगर किसी कारण हमारा ऑपरेशन हुआ हो और चीरा लगा हो और उसमे कोई डिफेक्ट हुआ हो तो हर्निया होने के ज्यादा चांस होते है हर्निया को किसी भी दवाई से ठीक नहीं किया जा सकता है हर्निया की समस्या को ठीक करने के लिए सर्जरी ही की जाती है
हर्निया रोग के कारण
हर्निया होना एक आम समस्या है और भारत में अधिकतर लोगो में पाई जाती है हर्निया होने के बहुत से कारण होते है जो आपको निचे देखने को मिल जाएगे हर्निया होने के कारण इस प्रकार है
(1) . जिन लोगो को लम्बे समय तक खांसी की समस्या होती है उन लोगो में हर्निया होने का खतरा ज्यादा होता है क्युकी खांसते समय पेट पर अधिक जोर पड़ता है और प्रेसर बनता है जिसे हर्निया होने की समस्या ज्यादा होती है
(2) . ज्यादा मोटापा होने के कारण हर्निया होने की समस्या होती है क्युकी ज्यादा मोटा होने में मसल्स में फैट की मात्रा बढ़ जाती है जिसके कारण मसल्स पर ज्यादा प्रेसर बनता है और वह दो हिसो में बट जाती है और हर्निया जैसी समस्या होती है
(3) . अगर किसी कारण ऑपरेशन हुआ हो और पेट के बीचो बीच टाँके लगे हो तो प्रेसर बने के कारण हर्निया होने का खतरा ज्यादा होता है
सामान्य कारण
(1) . कब्ज के कारण हर्निया होने का खतरा होता है जिन लोगो में ज्यादा लम्बे समय तक कब्ज की समस्या होती है उन लोगो में हर्निया होने का खतरा ज्यादा होता है
(2) . पेशाब होने में दिकत होने का कारण या पेशाब के रुकने की समस्या होने के कारण हर्निया होने का खतरा होता है
(3) . ज्यादा वजन उठाने के कारण भी हर्निया होने की समस्या होती है या जो जिम में ज्यादा वजन उठाते है उनमे भी हर्निया होने का खरता रहता है
(4) . जिन लोगो के मसल्स में कमजोरी रहती है उन लोगो में भी हर्निया होने का खतरा ज्यादा होता है
(5) . किडनी या लीवर फ़ैल होने के कारण भी हर्निया होने का खतरा रहता है
(6) . प्रेगनेंसी के दोरान जब पेट पर वजन पड़ता है और प्रेसर बनता है तो उसके कारण हर्निया होने का खतरा रहता है
(7) . अगर किसी कारण अचानक से वजन बढ़ जाता है तो हर्निया होने का खतरा ज्यादा होता है
हर्निया रोग कितने प्रकार का होता है
हर्निया लोगो में होने वाली आम बिमारी है यह ज्यादातर ऑपरेशन के बाद होने वाली बीमारी है इसके अलावा यह अलग अलग अंग में अलग अलग प्रकार से होती है हर्निया के अलग अलग प्रकार है जो निचे देखने को मिलेगे
(1) . इंग्वाइनल हर्निया
इंग्वाइनल हर्निया यह हर्निया कमर के राईट या लेफ्ट साइड में होता है जब आप इंग्वाइनल हर्निया को बाहर की तरफ से देखोगे तो आपको हल्का सा उभार की तरह दिखाई देगा हमारे शरीर के अन्दर आंत में सुजन होती है तो वह उभर जाता है और पेट के अन्दर वाली सतह से बाहर आ जाता है
इंग्वाइनल हर्निया सबसे ज्यादा पुरुषो में पाया जाता है और यह इंग्वाइनल हर्निया ग्रोइन में पाया जाता है इंग्वाइनल हर्निया में आपको पहले हल्का हल्का दर्द होगा उसके बाद आपका यह दर्द बढ़ता जाता है कम नही होता है इंग्वाइनल हर्निया कमर के एक या दोनों तरफ उभार होना जो लेट जाने पर गायब होना होता है
(2) . फीमोरल हर्निया
फीमोरल हर्निया ज्यादातर महिलाओं में पाया जाता है यह जांघ के उपरी हिसे में से निकलता है फीमोरल हर्निया महिलाओं में ज्यादातर प्रेगनेंसी के दोरान पेट का अकार बढ़ जाता है और नाभि वाले हिसे में माशपेशियाँ नहीं होती है और कमजोर होती है जिसके कारण वहा हर्निया होने की समस्या उत्पन होती है
महिलाओं में फीमोरल हर्निया ज्यादातर सर्जरी ऑपरेशन के कारण या बचेदानी के निकालने के कारण वह अंग कमजोर हो जाते है और उस हिसे में हर्निया होने की समस्या होती है इसके अलावा बहुत अधिक तेज खांसने से कोई पुरानी चोट ताजा हो जाती है जिसके कारण भी यह समस्या होती है
(3) . अम्बिलिकल हर्निया
अम्बिलिकल हर्निया बचो और बड़ो दोनों में होता है यह ज्यादातर बचो में होता है बचो के अम्बिलिकल से आंतो का बाहर निकलना अम्बिलिकल हर्निया होता है परन्तु यह बड़ो में भी होता है जब आप बहुत ज्यादा एल्कोहल का सेवन करते है तो लीवर खराब होता है पेट में पानी जमा होने लगता है जिसे अम्बिलिकल बाहर आ जाती है और हर्निया की समस्या होती है
अम्बिलिकल हर्निया महिलाओं में प्रेगनेंसी के बाद होती है हमारे पेट में मसल्स होते है जिसमे हमारे सिक्स पेक होते है महिला में प्रेगनेंसी के दोरान पेट फूलता है तो यह मसल्स भी फूलती है और प्रेगनेंसी के बाद यह मसल्स अपनी जगह पर वापिस जाती है और चोडी हो जाती है जिसे यह मसल्स कमजोर हो जाती है जिसके कारण मसल्स में सुजन के कारण अम्बिलिकल बाहर आ जाती है जिसे अम्बिलिकल हर्निया कहते है
हर्निया रोग के लक्ष्ण
हर्निया होने के बाद आपको अपने शरीर में अलग अलग लक्ष्ण दखने को मिल जाएगे जो आपको निचे देखने को मिल जाएगे हर्निया रोग होने के लक्ष्ण इस प्रकार है
हर्निया रोग के ज्यादा लक्ष्ण दिखाई नहीं देते है हर्निया रोग का सबसे पहला और सबसे बड़ा लक्ष्ण होता है की शरीर के जिस जगह पर हर्निया रोग होता है वहा सुजन हो जाती है और इस सुजन में दर्द नहीं होता है और जब आप लेट जाते हो तो यह सुजन वाला भाग अन्दर की तरफ चले जाता है अगर आप खांसते हो या भारी वजन उठाते हो तो सुजन वाला भाग बाहर आ जाता है
इसके अलावा अगर दुसरे लक्ष्ण की बात करे तो जब यह हर्निया रोग बढ़ जाता है आप ध्यान नहीं देते है तो हर्निया बाहर ही रुक जाता है जिसके कारण मरीज को दर्द होने लगता है उसे बैठने और खड़े रहने में समस्या होने लगती है हर्निया रोग ज्यादा बढने के बाद आपको कुछ लक्ष्ण दिखाई देंगे जैसे
(1) . दर्द होने की समस्या होती है
(2) . आंतो में रुकावट की समस्या होती है
(3) . उलटी होने की समस्या होती है
(4) . पेट साफ़ नहीं हो पाएगा
हर्निया रोग का इलाज
अगर आपको हर्निया रोग की समस्या है तो एक बात का हमेशा ध्यान रखे की कोई भी मेडिसिन हर्निया रोग का इलाज नहीं कर सकती है क्युकी जब पेट के किसी अंग में सुजन होती है और वह पेट की परत को छेद करके बाहर निकलती है तो इस इस सूजे हुए अंग को मेडिसिन के द्वारा सही नही किया जा सकता है
हर्निया रोग का सिर्फ एक इलाज होता है वह है सर्जरी के द्वारा अगर आप सोच रहे की हर्निया रोग का इलाज मेडिसिन के द्वारा हो जाएगा तो आप गलत सोच रहे है इसलिए हर्निया रोग होने पर तुरंत डॉक्टर से मिले डॉक्टर हर्निया रोग किस जगह पर है उसके हिसाब से चेक करेगा
हर्निया रोग की सर्जरी दो तरीको से की जाती है पहली है जिसमे ओपन सर्जरी की जाती है जिसमे चीरा लगाया जाता है जिसमे मरीज को समस्या होती है और खून भी ज्यादा मात्रा में निकल जाता है और दूसरी सर्जरी दूरबीन के द्वारा की जाती है जिसमे खून भी ज्यादा नहीं निकलता है और मरीज को ज्यादा दर्द भी नही होता है
अगर आपको हर्निया रोग की समस्या है तो आप डॉक्टर के पास जाए और उनसे सलाह ले और उनके कहे अनुसार ही चले और हर्निया रोग होने पर जल्द से जल्द सर्जरी करवाए बाद में समस्या ज्यादा हो जाती है
हर्निया रोग की सावधानियाँ
अगर आपको हर्निया रोग है तो आपको कुछ सावधानियाँ बरतनी होगी जिसे आप हर्निया रोग को बढ़ने से रोक सकते है परन्तु आप अंगो में होने वाली सुजन जो नहीं रोक सकते हो इलसिए सावधानियाँ बरते
(1) . एल्कोहल का सेवन बिलकुल न करे इसे हर्निया रोग बढ़ने का ज्यादा खतरा होता है
(2) . ध्यान रहे की आप ज्यादा मात्रा में वजन न उठाए भारी चीजो से दूर रहे नहीं समस्या हो सकती है
(3) . अगर आपको लम्बे समय तक खांसी है तो तुरंत डॉक्टर से जाकर मिले और इलाज करवाए
(4) . पेशाब या मल को रोककर न रखे
(5) . हमेशा तनाव मुक्त रहे ज्यादा तनाव में न रहे इसे भी आपको समस्या हो सकती है
उपर बताई गई बातो का ध्यान जरुर रखे
निष्कर्ष
आपने उपर जाना की हर्निया रोग क्या है इसके कारण लक्ष्ण प्रकार क्या है एक बात ध्यान रहे की आप किसी भी बिमारी को होने से पहले ही कम कर सकते है या रोक सकते है अगर आपको लक्ष्ण और कारण पता हो इसलिए अगर आपको पता होना चाहिए की हर्निया रोग के कारण और लक्ष्ण क्या है और अगर आपको हर्निया रोग की समस्या है तो आप तुरंत डॉक्टर से सम्पर्क करे और अपना इलाज करवाए
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जानिए कुछ सवालो के जवाब
Q . हर्निया रोग कब होता है ?
ans . किसी व्यक्ति को हर्निया रोग तब होता है जब हमारे पेट के अंदर से कोई अंग या कोई उतक पेट की कमजोर दिवार में छेद करके बाहर की तरफ आ जाती है तो हर्निया रोग होता है |
Q . क्या हर्निया से हमे ज्यादा समस्या हो सकती है ?
ans . हर्निया कोई बड़ी बिमारी नहीं है परन्तु इसको मेडिसिन की मदत से ठीक नहीं किया जा सकता है इसको ठीक करने के लिए सर्जरी ही की जाती है |
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