डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर क्या है यह सवाल बहुत से व्यक्ति के मन में आता है इसे ADHD Attention Deficit Hyperactivity Disorder भी कहाँ जाता है

इसका मतलब होता है किसी बच्चे में ध्यान की कमी हो जाना या बहुत चंचल होना शांति की कमी होती है या फिर बहुत ज्यादा हाइपरएक्टिविटी होता है जिसका पता बचपन में पता चलता है

जिस बच्चे में ADHD होता है वह कोई सवाल करने से पहले ही जवाब दे देता है किसी बात के बीच में बोलने की आदत होती है कही पर भी बैठता है तो हिलता रहता है कुछ न कुछ करता रहता है

इसलिए आज हम आपको इन सभी उलझन को दूर करेगे और आपको डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर क्या है इसके कारण लक्ष्ण इलाज के बारे में बताएगे

डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर क्या है

डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर एक मानसिक रोग है जिसके दोरान बच्चे में ध्यान लगाने में कमी का हो जाना या बहुत ज्यादा हाइपरएक्टिव होना शान्ति से न बैठना

जिसे व्यक्ति का वयवहार बदल जाता है ADHD की समस्या सबसे ज्यादा लडको को होती है लड़कियों को यह समस्या कम होती है और 3 साल से 6 साल के बच्चे को यह ज्यादा होता है

अगर किसी बच्चे में ADHD की समस्या होती है तो वह वयवहार में दुसरो बच्चो से बिलकुल अलग होता है उसकी सोचने समझने की शक्ति दुसरो से अलग होती है

जिसको ADHD की समस्या होती है वह किसी भी काम का इन्तजार नहीं होता है बीच में बोलने की आदत होती है किसी काम को पूरा करने में असमर्थ होता है

अगर कोई बच्चा स्कूल में जाता है और उसको ADHD की समस्या होती है तो वह अन्य बच्चो से अलग व्यवहार करता है जैसे टीचर के सवाल ख़त्म होने से पहले ही वह जवाब दे देता है

टीचर के बोलते समय बीच में बोल जाता है कभी उसकी पेंसिल खो जाती है पेन खो जाता है मुश्किल काम करने में समस्या होती है एक ही काम करता रहता है

ADHD की समस्या के दोरान बच्चा मानसिक रूप से अलग व्यवहार करता है वह बहुत ज्यादा सक्रिय होता है चंचल होता है कुछ न कुछ करता रहता है

डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर के लक्ष्ण

आमतोर पर ADHD के लक्ष्ण 3 से 5 साल के बच्चे में आसानी से देखने को मिल जाते है परन्तु फिर भी कुछ माता पिता ADHD के लक्षणों को पहचान नहीं पाते है और जब बच्चा बड़ा होता है और उसका व्यवहार बदलता है तो समस्या होती है इसलिए इसके लक्षणों की जांच करे जो इस प्रकार है

(1) . बात पूरी होने से पहले ही बोल जाना

(2) . किसी की बात न सुना

(3) . कार्य को पूरा करने में परेशानी होना

(4) . बहुत ज्यादा डर जाना

(5) . बहुत ज्यादा बोलना

(6) . किसी भी कार्य के लिए सब्र नहीं होता है

(7) . एक ही काम को करने में मजा आना

(8) . बहुत जल्दी ध्यान का भटक जाना

(9) . एक ही जगह पर बैठे रहने में समस्या होना

(10) . हाथ पैरों को बैठे हिलाते रहना

(11) . स्कूल का काम करने में समस्या होना

(12) . रिश्ते निभाने में समस्या होती है

(13) . बच्चे को सुबह उठने में समस्या होती है

(14) . चीजो से खेलने की आदत होना

(15) . चलने की जगह अचानक से भागने लग जाना

(16) . पढ़ाई में ध्यान न रहना

(17) . छोटी सी समस्या बड़ी लगना

(18) . बातो का भूल जाना

(19) . दिन में सपने देखना

(20) . किसी की बात को मानने में समस्या होना

(21) . चिडचिडापन होना

(22) . उलझन में रहना

(23) . चीजो से टकरा जाना

(24) . दोस्ती न कर पाना

(25) . लड़ाई झगड़ा करना

(26) . एकदम से गुसा करना , बहुत दुखी या खुस हो जाना

यह सभी ADHD के मुख्या लक्ष्ण है जो बच्चे में दिखाई देते है इन सभी लक्षणों के द्वारा आप अपने बच्चे में ADHD को पहचान सकती है और जाँच करवा सकती है

डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर के कारण

डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर के अलग अलग कारण होते है परन्तु ADHD के मुख्या कारण के बारे में अभी तक जानकारी उपलब्ध नहीं है फिर भी कुछ कारण है जिसके बारे में आपको निचे देखने को मिल जाएगा जो प्रकार है

(1) . प्रेगनेंसी के दोरान आराम की कमी

ADHD होने का एक कारण प्रेगनेंसी में आराम की कमी हो सकती है बहुत सी महिलाएँ प्रेगनेंसी के दोरान बिलकुल भी आराम नहीं करती है थकी थकी रहती है उनको कमजोरी होती है जिसके कारण मन और दिमाग शांत नही होता है और ADHD का यह एक मुख्या कारण होता है बच्चे में

(2) . परिवार में किसी को ADHD की समस्या होने के कारण

एक कारण ADHD का है की अगर पारिवार में पहले से ही किसी को ADHD की समस्या है या पहले थी तो हो सकता है की आने वाले बच्चे में ADHD हो जाए या हो सकता है

(3) . चिंता तनाव का ज्यादा होना

बहुत ज्यादा गुसा चिंता तनाव भी ADHD का कारण उत्पन कर सकती है एसा देखा गया है की कुछ महिलाएँ प्रेगनेंसी के दोरान बहुत ज्यादा घबराती है चिंता होती है तनाव रहता है जिसे दिमाग में गलत असर होता है और बच्चे पर बुरा प्रभाव पड़ता है ADHD की समस्या हो सकती है

(4) . अनचाही प्रेगनेंसी के कारण भी ADHD हो सकता है

बहुत सी महिलाएँ एसी होती है जिनको बच्चा नहीं चाहिए होता है और वह प्रेग्नेंट हो जाती है और उसके बाद उनके दिमाग में यही चलता है बच्चा रखु या न रखु एसे में दिमाग में रहता है की बच्चा नहीं चाहिए था और दिमाग में कुछ केमिकल रिएक्शन होते है जो ADHD की समस्या को उत्पन करते है

(5) . दिमाग में समस्या के कारण

ADHD होने का एक कारण दिमाग में होने वाली समस्या भी हो सकती है बच्चे के दिमाग को जो हिसा ध्यान केन्द्रित करता है उसमे समस्या हो जाती है जिसे ADHD हो सकता है

(6) . दिमाग के आगे वाले हिसे में चोट लगने के कारण

ADHD का एक कारण दिमाग में लगने वाली चोट भी हो सकती है अगर बच्चे के दिमाग के सामने वाले हिसे में चोट लग जाती है तो ADHD की समस्या उत्पन हो सकती है

(7) . प्रेगनेंसी के दोरान धुम्रपान या शराब के सेवन के कारण

बहुत सी महिलाओं को धुम्रपान या शराब पिने की आदत होती है एसे में कुछ महिलाएँ प्रेगनेंसी के दोरान भी धुम्रपान या शराब का सेवन करती है जिसके कारण तनाव चिंता डिप्रेशन परेशानी चिडचिडापन जैसी समस्या होती है और उसका असर बच्चे पर पड़ता है और ADHD की समस्या होती है

अभी तक ADHD के मुख्या कारण का पता नहीं लगाया गया है परन्तु उपर बताए गए कुछ कारणों से ADHD की समस्या उत्पन होती है

डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर के प्रकार

ADHD की आप अलग अलग तरीके से पहचान कर सकते है ADHD मुख्या 3 प्रकार का होता है hyperactive impulsive , inattentive , combined इन तीनो के बारे में आपको निचे देखने को मिल जाएगा

(1) . hyperactive impulsive adhd

hyperactive impulsive adhd के दोरान आवेग और अति सक्रियता के लक्ष्ण नजर आते है इस ADHD के दोरान बच्चे में ध्यान की कमी होती है hyperactive impulsive adhd के लक्ष्ण इस प्रकार है

(1) . बच्चा एक जगह पर ज्यादा समय तक नहीं बैठ पाता है

(2) . एक जगह बैठ जाने पर हाथ पैर को हिलाते रहता है

(3) . जहाँ बच्चे को बैठना चाहिए वहा बच्चा दोड़ने लग जाता है

(4) . एक जगह पर शान्ति से खेल नहीं पाता है

(5) . बहुत ज्यादा बाते करता है

(6) . सवाल पूरा होने से पहले जवाब दे देता है

(7) . अपनी बारी का इन्तेजार नहीं करता है

(8) . दुसरे की इच्छा के बिना उनका सामान ले लेना

(9) . किसी काम का लगातार करते रहना

hyperactive impulsive adhd के यह 9 लक्ष्ण होते है अगर इनमे से मुख्या 6 लक्ष्ण भी बच्चे में दिखाई देते है तो हो सकता है की बच्चे को hyperactive impulsive adhd की समस्या है

(2) . inattentive adhd

inattentive adhd के दोरान आप ज्यादा सक्रिय नहीं होंगे परन्तु आपको किसी भी कार्य में ध्यान लगाने में समस्या होगी आप कभी कभी सक्रीयता को महसूस कर सकते जानते है inattentive adhd के लक्ष्ण के बारे में

(1) . बच्चा किसी चीज को भी अटेंशन नहीं देता है और गलतियाँ करता है

(2) . किसी भी बात के उपर ध्यान नहीं दे पाता है

(3) . दिमाग को एक जगह पर न लगा पाना

(4) . किसी कार्य को करने में समस्या होती है

(5) . जिस काम को करने के लिए कहो वह काम न करना

(6) . किसी भी कार्य में ध्यान का न लगा पाना

(7) . समान खोने की आदत होती है

(8) . ध्यान बहुत जल्दी भटक जाता है

(9) . चीजो को बहुत जल्दी भूल जाते है

inattentive adhd के भी 9 लक्ष्ण है अगर इनमे से भी 6 लक्ष्ण नजर आते है तो आपके बच्चे में inattentive adhd की समस्या हो सकती है

(3) . combined adhd

combined adhd भी मुख्या 3 प्रकार के होते है पहले में बच्चा सिर्फ hyperactive impulsive के लक्षणों में आता है और दुसरे में बच्चा सिर्फ inattentive होता है उसमे impulsive के लक्ष्ण देखने को मिल मिलते है और आखिरी में आता है जिसमे बच्चे में hyperactive impulsive , inattentive दोनों के लक्ष्ण दिखाई देने लगते है इसको combined adhd कहते है और यह सबसे ज्यादा देखने को मिलता है

डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर की जांच

ADHD की जाँच के लिए कोई मशीन नहीं है इसके लक्षणों के आधार पर ही ADHD की समस्या का पता लगाया जाता है और आप 1 या 2 लक्षणों के आधार पर नहीं कह सकते है की आपके बच्चे को ADHD की समस्या है इसके लिए सभी लक्षणों का मेल खाना जरुरी है

(1) . 5 से 6 महीने के लक्षणों की जाँच

ADHD की समस्या का पता लगाने के लिए डॉक्टर आपके बच्चे के पिछले 5 से 6 महीने तक के लक्षणों के बारे में आपसे पूछते है देखा जाता है की बच्चे के अंदर अभी यह लक्ष्ण दिखाई दे रहे है या कई महीनो से यह लक्ष्ण दिखाई दे रहे है साथ ही स्कूल में होने वाली बातो के बारे में जानकारी लेते है परिवार की हिस्ट्री के बारे में डॉक्टर जानकारी लेते है पहले किसी को ADHD की समस्या तो नहीं थी या है

(2) शारीरिक परिक्षण होता है

ADHD की जाँच के लिए बच्चे का शारीरिक परिक्षण किया जाता है और चेक किया जाता है की बच्चे को शारीरिक समस्या तो नहीं है जिसके कारण ADHD की समस्या हो रही है

कुछ लक्ष्ण के आधार पर नहीं कहाँ जा सकता है की बच्चे को ADHD की समस्या है उसके लिए सभी प्रकार के लक्षणों को देखा जाता है और बच्चे के लक्षणों को मिलाया जाता है

अगर बच्चे के लक्ष्ण ADHD के सभी प्रकार के लक्षणों के साथ मिल जाते है तो उसके बाद भी डॉक्टर बच्चे से सवाल करता है उसकी जांच करता है उसके बाद ही कहाँ जा सकता है की बच्चे को ADHD की समस्या है और बच्चे में कम से कम 5 से 6 महीने से लक्ष्ण लगातार होने ज़रूरी होते है

डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर का इलाज

ADHD का इलाज 2 तरीके से किया जाता है पहले तरीके में दवाइयों का इस्तेमाल किया जाता है और दुसरे तरीके में थरेपी का इस्तेमाल किया जाता है अगर किसी ADHD से ग्रस्त बच्चे को यह दोनों इलाज दिए जाए तो वह बहुत जल्दी ठीक हो सकता है परन्तु फिर भी ADHD का इलाज पूरी तरह से संभव नहीं है

(1) . दवाइयों से ADHD का इलाज

ADHD की समस्या को ठीक करने के लिए बच्चे को दवाइयाँ दी जाती है परंतु यह दवाइयां 6 साल के बाद में बच्चो को दी जाती है 6 साल से कम उम्र के बच्चे को दवाइयां नहीं दी जाती है

इन दवाइयां का असर बहुत अच्छा देखने को मिलता है यह दवाइयां सीधा दिमाग पर असर करती है और बच्चे की सोचने और समझने की शक्ति को ठीक करती है

इन दवाइयों की मदत से बच्चा ध्यान केन्द्रित कर पाता है 80 % बच्चो में दवाइयां अच्छा असर दिखाती है परतु कभी कभी इन दवाइयों का असर उल्टा हो जाता है

इसकी दवाइयां 2 ग्रुप की इस्तेमाल की जाती है stimulant and non stimulant adhd इन दोनों दवाइयों का इस्तेमाल किया जाता है डॉक्टर की सलाह के अनुसार

(2) . थरेपी के द्वारा इलाज

ADHD का इलाज थरेपी के द्वारा किया जाता है इस थरेपी के दोरान डॉक्टर बच्चे के पुरे परिवार को उसके साथ करने वाले व्यवहार के बारे में बताता है उसकी जानकरी देता है

क्युकी बच्चे के साथ किया जाने वाला व्यवहार ही उसको ठीक करने में मदत करता है साथ ही स्कूल में उसको सिखाया जाता है उसकी मदत की जाती है

मुश्किल काम को आसानी से करने को सिखाया जाता है उसकी गलतियों को सुधार जाता है ताकि उसके व्यवहार सही हो सके यह सब थरेपी के द्वारा किया जाता है

निष्कर्ष

आशा करते है की आपको डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर क्या है के बारे में पता चल गया होगा और अब आप सभी बातो का ध्यान रखेगे अगर आपको अपने बच्चे में डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर के लक्ष्ण दिखाई देते है तो आपको तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए और जांच करवानी चाहिए

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जानिए कुछ सवालो के जवाब

Q . क्या ADHD का इलाज पूरी तरह से संभव है?

ans . ADHD का इलाज पूरी तरह से संभव नहीं है परन्तु दवाइयों और थरेपी की मदत से ADHD की समस्या को कम किया जाता है |

Q . ADHD की समस्या किन बच्चो को ज्यादा होती है?

ans . जिन बच्चो की माँ प्रेगनेंसी के दोरान अपना ध्यान नहीं रखती है उनके बच्चो में ADHD की समस्या ज्यादा होती है |

Q . एडीएचडी किस लिंग को सबसे ज्यादा प्रभावित करता है?

ans . ADHD की समस्या महिलाओं से ज्यादा पुरुषो में देखि गई है ADHD पुरुषो को अधिक प्रभावी करता है |

Q . क्या एडीएचडी से बाहर निकलना संभव है?

ans . इसका जवाब हां भी है और न भी क्युकी देखा गया है की कुछ बच्चे 3 साल से लेकर 28 साल की उम्र तक ADHD की समस्या से निकल जाते है और कुछ बच्चे ADHD की समस्या से नहीं निकल पाते है |

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