एक उम्र के बाद अधिकतर लोगो का सवाल होता है अल्जाइमर रोग क्या है (what is Alzheimer’s Disease in Hindi) और यह होता क्यों है अल्जाइमर रोग दिमाग से जुड़ा रोग है जिसमे यादाश कम होने लगती है आइए विस्तार से जानते है क्या है अल्जाइमर
पूरी दुनिया में 21 september को अल्जाइमर रोग दिवस मनाया जाता है ताकि सभी लोगो को अल्जाइमर रोग के बारे में जागरूकता मिले और वह इसे समझ सके
अल्जाइमर रोग के दोरान व्यक्ति सभी चीजो को भूलने लगता है उसे कुछ याद नहीं रहता है कुछ समय पहले किया गया काम भी उसे याद नहीं रहता है कुछ बोलकर वह खुद भूल जाता है
वैसे तो यह बिमारी एक उम्र के बाद होती है और बुजुर्ग को यह ज्यादा होती है परन्तु आजकल के दिनचर्या के हिसाब से अल्जाइमर रोग अब युवा में भी देखा जाने लगा है इसलिए आज हम अल्जाइमर रोग के बारे में आपको पूरी जानकारी देंगे जो इस प्रकार है
अल्जाइमर रोग क्या है – what is Alzheimer’s Disease in Hindi
अल्जाइमर रोग एक तंत्रिका रोग है जो हमारे दिमाग में होता है यह एक प्रकार की मानसिक बीमारी होती है इसका पता आइल्स ने लगाया था
हमारे दिमाग की कोशिकाए बनती है और खुद से ही वह कोशिकाएँ खत्म हो जाती है जिसके कारण अल्जाइमर रोग होता है और हमे भूलने की समस्या होती है
हम कुछ भी काम करते है और उस काम को किए अगर कुछ घंटे हो जाते है तो हम उस काम को भूल जाते है हमे कुछ याद नहीं रहता है कुछ बोलकर हमे खुद याद नहीं रहता क्या बोला
पुरुष के मुकाबले महिलाओ में अल्जाइमर रोग सबसे ज्यादा होता है और 60 साल की उम्र के बाद अल्जाइमर रोग की समस्या सबसे ज्यादा देखने को मिलती है
परन्तु आज के समय में अधिक काम , तनाव , डिप्रेशन की वजह से अल्जाइमर रोग युवा में भी देखने को मिल रहे है जिसके कारण उनकी स्मरण शक्ति कम हो रही है
अल्जाइमर रोग के दोरान हमारे दिमाग का function कम होने लगते है जिसके कारण हम अपने रोज के काम नहीं कर पाते है हमे समस्या होती है
उधारण से जाने
जैसे अगर कोई व्यक्ति किसी बैंक में काम कर रहा है और वह काम पैसो के लेन देन का है और उसे कोई समस्या नहीं है तो वह सभी लेन देन के काम हिसाब अछे से कर लेगा परन्तु अगर उसे अल्जाइमर रोग होता है तो वह इस काम को नहीं कर सकता है क्युकी अल्जाइमर रोग के दोरान वह उन छोटी छोटी चीजो को भूल जाता है जिसे वह हिसाब किताब वाला कार्य नहीं कर सकता है इस समस्या को अल्जाइमर रोग कहते है
अल्जाइमर रोग के कारण – causes of Alzheimer’s Disease in hindi
अल्जाइमर रोग के कारण आपको निचे देखने को मिल जाएगे जो इस प्रकार है
अल्जाइमर रोग का मुख्या कारण क्या होता है इसका अभी तक पता नहीं चल पाया है यह दिमाग की कोशिकाओं में होने वाला रोग है जो कोशिकाओं के नष्ट होने से शुरू होता है
हमारे दिमाग के अंदर कोशिकाएँ होती है जो एक कोशिका से दूसरी कोशिका को सन्देश भेजती है और यह संदेश लगातार जाते रहता है जिसे हमे कुछ याद रखने में आसानी होती है
इस दोरान उन कोशिकाओं के बीच में कुछ प्रोटीन बनते है और एब्जॉर्ब होते रहते है परन्तु अगर किसी कारण वह प्रोटीन गाढ़ा हो जाता है तो वह अंदरूनी कोशिकाओ को बंद कर देती है
इसके साथ ही बाहर वाली कोशिकाओं को न्यूट्रिशन मिलने बंद हो जाते है जिसे कोशिकाओ का सन्देश बंद हो जाता है एक कोशिका दूसरी कोशिका को संदेश नहीं भेजती है जिसके कारण अल्जाइमर रोग की समस्या होती है और यह 35 से 40 की उम्र में शुरू होती है
और 60 की उम्र में जाकर अपना पूरा असर दिखाने लगती है जिसे हमे अल्जाइमर रोग के अलग अलग लक्ष्ण दिखाई देते है इसलिए इसके शुरुवाती लक्षणों में ही डॉक्टर से मिले और जाँच करवाए
अल्जाइमर रोग के लक्ष्ण – symptoms of Alzheimer’s Disease in hindi
अल्जाइमर रोग के दोरान अलग अलग बहुत से लक्ष्ण दिखाई देते है जो इस प्रकार है
(1) . अल्जाइमर रोग से ग्रस्त व्यक्ति बार बार चीजे भूलता है
(2) . कुछ बोलते समय कुछ सब्द बीच में भूल जाना फिर उसे याद करने की कोशिस करना
(3) . लोगो को न पहचान पाना कुछ वस्तुओ को भूल जाना
(4) . अल्जाइमर रोग से ग्रस्त व्यक्ति का वयवहार बदलने लगता है
(5) . अल्जाइमर रोग दिमाग में एक दुसरे से जुड़ने वाली कोशिकाओं को खत्म करता है
(6) . अल्जाइमर रोग से ग्रस्त व्यक्ति कुछ सोच नहीं पाता है
(7) . छोटे छोटे कार्य करने में बहुत समस्या होती है
(8) . कुछ समय पहले मिले लोगो को भी पहचान पाने में समस्या होती है
(9) . अपनी भावना को जाहिर करने में समस्या होती है
(10) . स्मरण शक्ति बहुत कम हो जाती है
(11) . किसी का नाम याद रखने में समस्या होना
(12) . किसी भी जगह के नाम को याद न रख पाना
(13) . रास्ता याद रखने में समस्या होना
(14) . अंको को याद रखने में समस्या होना
(15) . अधिक चिडचिडा पन होने लगता है
(16) . खुद सामान रखकर भूल जाना
(17) . एक ही काम को बार बार करने की आदत हो जाती है
(18) . एक ही बात को बार बार पूछते रहने की समस्या होती है
(19) . चीजो को खो कर ढूड़ने में समस्या होना
(20) . किसी भी कार्य को करने में अधिक समय लगाना
(21) . बार बार गलत फेसले लेना
(22) . अधिक चिंता करना परेशान रहना
(23) . कुछ पढने लिखने में समस्या होना
(24) . वजन का कम हो जाना (वजन बढ़ाने के उपाय)
(25) . त्वचा से जुडी समस्या होना
(26) . निगलने में समस्या का होना
(27) . दोर्रे पड़ना
यह सभी अल्जाइमर रोग के लक्ष्ण है अगर किसी व्यक्ति में यह लक्ष्ण दिखाई देते है या आपको कोई आपके बारे में बताता है तो आपको डॉक्टर से तुरंत सम्पर्क करना चाहिए और जाच करवानी चाहिए
डिमेंशिया और अल्जाइमर में क्या अंतर है – What is the difference between Dementia and Alzheimer’s
बहुत से लोग डिमेंशिया और अल्जाइमर को एक ही मानते है इसलिए आज हम आपको इसके अंतर के बारे में बताएगे जो इस प्रकार है
(1) . डिमेंशिया और अल्जाइमर
डिमेंशिया किसी भी प्रकार की एक बिमारी का नाम नहीं है यह बहुत सारे लक्षणों को दर्शाने का नाम है जैसे याद्दाश का कमजोर हो जाना , बातचित में दिकत होना , हिसाब करने में समस्या होना , किसी भी प्रकार की योजना न बना पाना , रोज के छोटे छोटे कार्य में समस्या होना
जब आपको यह लक्ष्ण दिखाई देते है तो डॉक्टर आपको डिमेंशिया के बारे में बताता है और लक्षणों के कारण के बारे में कुछ नहीं कहाँ जा सकता अलग अलग बीमारी से डिमेंशिया के लक्ष्ण उत्पन होते है जैसे अल्जाइमर , थायराइड , शुगर , नाडी सम्बंधित समस्या आदि
कभी कभी देखा गया है की व्यक्ति के शरीर में अलग अलग बिमारी के कारण भी डिमेंशिया के लक्ष्ण दिखाई देते है जैसे अगर किसी को थायराइड के कारण डिमेंशिया है तो उसे थायराइड डिमेंशिया कहेंगे और अगर नाडी सम्बन्धित समस्या से डिमेंशिया हुआ तो उसे नाडी डिमेंशिया कहेगे
इसलिए हम अल्जाइमर और डिमेंशिया को एक नहीं कह सकते है क्युकी डिमेंशिया अलग अलग बिमारी के लक्षणों को दर्शाता है और अल्जाइमर एक रोग है जो अपने लक्षणों को दर्शाता है जो दिमाग में कोशिकाओ के नष्ट होने से उत्पन होता है
दोनों में अंतर
डिमेंशिया | अल्जाइमर |
(1) . डिमेंशिया में दिमाग सिकुड़ता है | (1) . अल्जाइमर में भी दिमाग सिकुड़ता है |
(2) . डिमेंशिया 70 से 71 वर्ष के व्यक्ति को होता है इसकी उम्र की सीमा है | (2) . अल्जाइमर की उम्र की सीमा नहीं है यह युवा और बुजुर्ग दोनों को हो सकता है |
(3) . डिमेंशिया एक सिड्रोम है जो अलग अलग बीमारी के लक्षणों को दर्शाती है | (3) . अल्जाइमर एक रोग है जो अपने खुद के लक्षणों को दर्शाती है |
अगर आपको डिमेंशिया और अल्जाइमर में अंतर समझ नहीं आते है तो बस याद रखे की डिमेंशिया अलग अलग बिमारी के लक्षणों के बारे में हमे आगाह करता है और अल्जाइमर दिमाग से जुड़े सभी लक्षणों को व्यक्त करता है
अल्जाइमर का इलाज – Alzheimer’s treatment in hindi
विज्ञान के पास अभी तक अल्जाइमर का इलाज नहीं है इस बीमारी को पूरी तरह से ठीक नहीं किया जा सकता है अगर यह एक बार बढ़ जाती है तो यह कम नहीं होती है
अल्जाइमर रोग मुख्या 35 या 40 साल से शुरू होता है और 60 तक अपने लक्षणों को दिखाता है इसलिए इसे रोकने का सबसे अच्छा तरीका है की आप समय रहते अपने डॉक्टर से सलाह ले
जैसे अगर आप किसी बैंक में कार्य करते है और अचानक से आपको हिसाब किताब में दिकत होने लगे और रोज के छोटे छोटे कार्य में समस्या हो और आपको महसूस न हो रहा हो
परन्तु दूसरा व्यक्ति आपको इन सभी लक्षणों के बारे में बताता है तो आप समय रहते डॉक्टर से सलाह ले अपनी जाँच करवाए ताकि समय पर मेडिसिन के इस्तेमाल से इसे रोका जा सके
अगर आप इसे नजर अंदाज कर देते है तो एक उम्र में यह समस्या ज्यादा हो जाती है और आप कोई काम सही से नहीं कर पाते है इसलिए इसका एक इलाज है समय रहते लक्षणों को पहचान कर डॉक्टर से मिले
अल्जाइमर की जांच – Alzheimer’s test in hindi
अगर हम अल्जाइमर के जाँच की बात करते है तो अगर कोई व्यक्ति समय रहते लक्षणों को पहचानकर डॉक्टर से मिलता है और जाँच करवाता है तो डॉक्टर आपके अलग अलग टेस्ट करता है जैसे
(1) . याद्दाश की जाँच की जाती है
याद्दाश के इस टेस्ट को न्यूरो सायकॉलॉजिकल टेस्ट भी कहाँ जाता है इसके दोरान दिमाग के function की जाँच की जाती है और समस्या का पता लगाया जाता है
(2) . blood टेस्ट किए जाते है
blood टेस्ट के अंदर आपके विटामिन बी 12 , विटामिन डी और थायराइड , शुगर , किडनी function , लीवर function की जांच की जाती है और समस्या का पता लगाया जाता है
(3) . Mri किया जाता है
blood test करने के साथ साथ उस व्यक्ति का दिमाग का Mri किया जाता है साथ में ct scan किया जाता है ताकि समस्या का पता लगाया जा सके
अल्जाइमर की जाँच के लिए यह तीनो टेस्ट किए जाते है और इसके साथ और भी टेस्ट किए जाते है इसलिए समय अनुसार लक्षणों की जांच करे और डॉक्टर से मिले
अल्जाइमर से कैसे बचे – How to avoid Alzheimer’s in hindi
अब जानते है की अल्जाइमर से कैसे बचे बढती उम्र के साथ अल्जाइमर को रोका नहीं जा सकता है और न इसे खत्म किया जा सकता है परन्तु अपने जीवन में कुछ बदलाव करके हम इसे रोक सकते है जो इस प्रकार है
(1) . शराब का सेवन न करे
(2) . सिगरेट आदि का सेवन न करे
(2) . ब्लड प्रेशर को कण्ट्रोल रखे
(4) . शुगर को कण्ट्रोल रखे
(5) . विटामिन डी की कमी से बचे
(6) . खान पान को सही रखे
(7) . अछि नींद ले
(8) . तनाव , टेंशन , डिप्रेशन से बचे
(9) . एक ही जगह पर ज्यादा न बैठे
(10) . आपसी मेल जोल बढाए लोगो से बात करे
(11) . हमेशा खुस रहने की कोशिस करे
(12) . नई नई चीजो को सीखे
(13) . अल्जाइमर से ग्रस्त व्यक्ति की ज्यादा देखभाल करे
(14) . अल्जाइमर के मरीज के साथ व्यवहार सही रखे
(15) . डालडा घी का इस्तेमाल नहीं करना है
अगर आपको अल्जाइमर से बचना है या इसे रोकना है तो आपको उपर बताई गई बातो का ध्यान रखना है
निष्कर्ष
आशा करते है की आपको अल्जाइमर रोग क्या है इसके बारे में पता चल गया होगा और अब आप इसे जुडी सभी बातो का ध्यान रखेगे अगर अल्जाइमर रोग के लक्षणों को आप समय रहते पहचान लेते है तो आप इसे बढ़ने से रोक सकते है इसलिए समय रहते ही डॉक्टर से मिले और जाँच करवाए
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जानिए कुछ सवालों के जवाब
Q . क्या अल्जाइमर का इलाज संभव है ?
ans . अल्जाइमर रोग का इलाज पूरी तरह से संभव नहीं है परन्तु समय रहते इसके इलाज से इसको रोका या कम किया जा सकता है |
Q . क्या डिमेंशिया और अल्जाइमर एक है ?
ans . डिमेंशिया और अल्जाइमर अलग अलग है डिमेंशिया बिमारी के लक्षणों को दर्शाने का कार्य करती है और अल्जाइमर एक बीमारी है जिसके लक्ष्ण देखने को मिलते है |
Q . क्या चीजो को भूल जाना ही अल्जाइमर रोग होता है
ans . नहीं एसा नहीं है की आप कुछ चीजे भूल रहे है तो आपको अल्जाइमर है एसा सही नींद न लेने के कारण , थायराइड के कारण , तनाव या डिप्रेशन के कारण हो सकता है परन्तु इन समस्या के कारण आपको अल्जाइमर हो सकता है |
Q . अल्जाइमर रोग किस विटामिन की कमी से होता है
ans . अल्जाइमर रोग विटामिन डी की कमी से होता है इसके साथ ही इसमें विटामिन बी 12 की कमी से भी होता है |
Q . अल्जाइमर सबसे ज्यादा किस उम्र में होता है ?
ans . अल्जाइमर रोग 40 साल 60 की उम्र में ज्यादा होता है और इसके लक्ष्ण धीरे धीरे बढ़ते रहते है |
Q . अल्जाइमर रोग में किन चीजो का सेवन नहीं करना चाहिए ?
ans . अल्जाइमर रोग में आपको शराब , स्मोक , डालडा घी आदि का सेवन नहीं करना चाहिए |
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