आज हम बात करेगे फ्यूज काम कैसे करता है और यह वाहन में क्यों जरुरी होता है इसके बारे में आपको सही जानकारी होना बहुत जरुरी है क्युकी बहुत से लोग फ्यूज को लेकर बहुत सी गलतियाँ करते है

फ्यूज एक छोटा सा पार्ट होता है जो वायरिंग में लगा होता है और यह बाइक , कार , ट्रक , ट्रेक्टर आदि में लगा होता है और यह वाहन में एक से ज्यादा की मात्रा में भी लगे होते है

फ्यूज की परिभाषा की बात की जाए तो यह वायरिंग में होने वाले शोर्ट सर्किट को होने रोकता है जिसे वायरिंग में आग लगने का खतरा नहीं रहता है और आपको किसी प्रकार का कोई नुक्सान नहीं होता है

फ्यूज को लेकर बहुत से व्यक्ति बहुत ज्यादा लापरवाही करते है जैसे फ्यूज को डायरेक्ट करना जिसके कारण बहुत ज्यादा नुक्सान हो जाता है और वाहन में आग लगने का खतरा भी बढ़ जाता है

फ्यूज का मुख्या कार्य होता है सप्लाई को सही से भेजना और वायरिंग को सही रखना अगर फ्यूज में अधिक सप्लाई चली जाती है तो फ्यूज तुरंत खराब हो जाता है और सप्लाई को रोक देता है

जिसे आगे सप्लाई नहीं जाती है और वायरिंग भी ठीक रहती है आज के समय में कंपनी हर पार्ट का अलग से फ्यूज दे रही है जैसे हॉर्न के लिए अलग फ्यूज , लाइट के लिए अलग फ्यूज आदि

मान लीजिए अगर आपकी गाडी की हॉर्न की वायरिंग में शोर्ट सर्किट होता है तो हॉर्न का फ्यूज खराब हो जाएगा और हॉर्न बंद हो जाएगा उसे आगे का कुछ भी खराब नहीं होगा आप आसानी से हॉर्न की वायर को चेक करवा सकते है चलिए जानते है की फ्यूज काम कैसे करता है

फ्यूज काम कैसे करता है

फ्यूज छोटा सा होता है और फ्यूज अलग अलग प्रकार के होते है बाइक में ज्यादातर कांच वाले लम्बे फ्यूज का इस्तेमाल किया जाता है परन्तु अब सभी वाहन में प्लास्टिक के फ्यूज का इस्तेमाल किया जा रहा है

फ्यूज में दो पिन होती है अलग अलग और उसके बीच में एक पतली सी वायर जैसा लगा होता है जो फ्यूज की दोनों पिनो को आपस में जोड़ता है जिसे फ्यूज अपना कार्य करता है इसे ज्यादा फ्यूज में कुछ नहीं होता है

परन्तु फिर भी यह बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण होता है मान लीजिए अगर आप बाइक चला रहे है और अचानक से हॉर्न की दोनों वायर आपस में टच कर जाती है या किसी कारण विध्युत की सप्लाई अधिक बढ़ जाती है

उस समय वह अधिक सप्लाई फ्यूज तक जाती है जैसे ही वह सप्लाई फ्यूज के अंदर जाती है फ्यूज गर्म हो जाता है अधिक सप्लाई के कारण और फ्यूज के अंदर की वह पतली वायर पिघल जाती है

और फ्यूज खराब हो जाता है जिसे वह बढ़ी हुई सप्लाई आगे नहीं जा पाती है और वायरिंग में आग लगने या खराब होने का खतरा नहीं रहता है जब भी फ्यूज में अधिक सप्लाई जाएगी वह खराब होगा

पर फ्यूज कितन सप्लाई पर खराब होगा यह फ्यूज और सप्लाई पर निर्भर करता है क्युकी फ्यूज का अलग अलग नंबर होता है जैसे 5 , 10 , 15 , 20 , 25 आदि

इन नंबर के आधार पर ही सप्लाई निर्भर होती है मान लीजिए अगर आपकी कार या बाइक में 5 नंबर का फ्यूज लगा है और वह खराब हो जाता है और आप उसके बदले 15 का फ्यूज लगाते है

तो सायद आपका काम चल जाए पर समस्या हो सकती है क्युकी पहले 5 का फ्यूज था तो सप्लाई भी 5 के फ्यूज के अनुसार ही होगी और आपने 15 का फ्यूज लगाया है

तो अगर कभी शोर्ट सर्किट हुआ तो समस्या हो सकती है इसलिए कंपनी के दिए अनुसार ही फ्यूज का इस्तेमाल करे और कभी भी फ्यूज को डायरेक्ट न करे

फ्यूज डायरेक्ट करने से क्या नुक्सान होता है

फ्यूज डायरेक्ट करने से आपका बहुत ज्यादा नुक्सान हो सकता है यह आपकी गाडी के पूरी वायरिंग को खराब कर सकता है एसा ही कुछ हमारे एक कस्टमर के साथ हुआ

उनके पास hyundai की i 10 कार है उसमे हॉर्न न बजने की समस्या थी हॉर्न नहीं बजता था उन्होंने कई बार फ्यूज को बदलवाया तो हॉर्न ठीक हो जाता था

परन्तु कुछ समय बाद ही फ्यूज खराब हो जाता था एक दिन वह कही बाहर गए और हॉर्न बंद हो गया फ्यूज न मिलने पर उन्होंने फ्यूज को डायरेक्टर करवाया

उसके कुछ समय के बाद ही हॉर्न के फ्यूज में आग लगी और पूरा फ्यूज जल गया और साथ ही फ्यूज बॉक्स के पीछे लगी वायरिंग में आग लग गई जिसके कारण पूरा फ्यूज बॉक्स बदलना पड़ा

इसलिए आप ध्यान रहे की अगर बार बार फ्यूज खराब हो रहा है तो फ्यूज को कभी डायरेक्ट न करवाए पहले वायरिंग को चेक करवाए कही से कटी तो नहीं है जब फौल्ट्स मिल जाए तो सही फ्यूज को लगा दे

(1) . वायरिंग में आग लग सकती है

जब भी आप अपनी गाडी के फ्यूज को डायरेक्ट करते है तो संबसे पहला नुक्सान आप अपनी वायरिंग का करते हो अगर किसी कारण कभी भी वायरिंग में सॉर्ट सर्किट होता है तो फ्यूज डायरेक्ट होने के कारण सप्लाई फ्यूज से आगे जाएगी और वायरिंग में आग लग सकती है वायरिंग जल सकती है

(2) . बैटरी खराब हो सकती है

फ्यूज डायरेक्ट करने के कारण बैटरी खराब होने की समस्या भी आपको हो सकती है कई बार शोर्ट सर्किट होने के कारण जब आग लगती है या सप्लाई ज्यादा जाती है तो बैटरी खराब हो जाती है बैटरी फुल जाती है इसलिए ध्यान रखे की आप फ्यूज को डायरेक्ट न करे

(3) . गाडी में लगे पार्ट खराब हो सकते है

फ्यूज डायरेक्ट करने से आपको बहुत ज्यादा नुकसान हो सकता है क्युकी जब सप्लाई अधिक बढ़ जाती है तो उस समय फ्यूज डायरेक्ट होने के कारण फ्यूज खराब नहीं होता है और सप्लाई आगे जाती है जिसके कारण वायरिंग में लगे पार्ट खराब हो जाते है कार में मुख्या ecm खराब होता है और बाइक में cdi , charger खराब होता है

अगर आप फ्यूज डायरेक्ट करते है तो आपको उपर दी गई समस्या हो सकती है

निष्कर्ष

आशा करते है की आपको पता चल गया होगा की फ्यूज काम कैसे करता है और इसके डायरेक्ट करने से क्या नुक्सान होता है इसलिए आपको ध्यान रखना है की आपको फ्यूज को कभी डायरेक्ट नहीं करना है आज हमारा सिर्फ यही उदेश्य था की आपको फ्यूज के बारे में जानकारी दे क्युकी हर रोज फ्यूज डायरेक्ट करने के कारण समस्या होती है अगर आपको इसे जुडी कोई भी समस्या है तो comment करे हम आपकी पूरी मदत करेगे

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जानिए कुछ सवालों के जवाब

Q . क्या फ्यूज को डायरेक्ट करना सही साबित हो सकता है ?

ans . इसका जवाब हाँ भी है और न भी अगर आपको पका पता है की आपकी गाडी के वायरिंग में कोई समस्या नहीं है उस समय में आप फ्यूज को डायरेक्ट कर सकते है परन्तु सिर्फ उस समय जब आपके आस पास फ्यूज न मिले परन्तु अगर आपको वायरिंग की जानकारी नहीं है तो आप पहले वायरिंग की जांच करवाए |

Q . हमे किस नंबर का फ्यूज गाडी में डलवाना चाहिए ?

ans . जिस नंबर का फ्यूज कंपनी से गाड़ी में लगकर आता है आप उसी नंबर के फ्यूज का इस्तेमाल करे |

Q . क्या बड़े नंबर के फ्यूज की जगह छोटे नंबर के फ्यूज को लगवा सकते है ?

ans . नहीं अगर आपकी गाड़ी में बड़े नंबर का फ्यूज है तो आप छोटे नंबर के फ्यूज का इस्तेमाल न करे |

Q . फ्यूज का मुख्या कार्य क्या है ?

ans . फ्यूज का मुख्या कार्य वायरिंग में होने वाले शोर्ट सर्किट को रोकना होता है फ्यूज विद्युत के प्रवाह को रोक देता है |

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