कनेक्टिंग रॉड क्या है (what is connecting rod ) यह आपको पता ही होगा और जिन लोगो को नहीं पता है आज उनको हम बता देंगे जिसे उन्हें कनेक्टिंग रॉड की पूरी जानकारी हो जाएगी
कनेक्टिंग रॉड का मुख्या इस्तेमाल इंजन में किया जाता है फिर वह इंजन किसी कार , बाइक , बस , ट्रक आदि का हो सभी डीजल और पेट्रोल वाहन में कनेक्टिंग रॉड का इस्तेमाल किया जाता है
क्युकी कनेक्टिंग रॉड किसी भी वाहन के इंजन का सबसे महत्वपूर्ण पार्ट है अगर यह नहीं होगा तो इंजन कार्य नहीं करेगा क्युकी कनेक्टिंग रॉड ही पिस्टन को उपर और निचे ले जाने में मदत करती है
आपने पिस्टन को तो देखा ही होगा उसके साथ एक लम्बी रॉड लगी होती है उस रॉड को ही कनेक्टिंग रॉड कहाँ जाता है जो एक तरफ से तो पिस्टन में लगी होती है और दूसरी तरफ से क्रैन्कशाफ्ट में लगी होती है
एक कनेक्टिंग रॉड में भी अलग अलग पार्ट लगे है जिनके बारे में आपको निचे विस्तार में बताया जाएगा जिसे आपको जानकारी मिल जाएगी
कनेक्टिंग रॉड क्रैन्कशाफ्ट के घुमने पर कार्य करती है और और पिस्टन को उपर और निचे ले जाने में मदत करती है जानते है कनेक्टिंग रॉड के बारे में विस्तार से
कनेक्टिंग रॉड क्या है (what is connecting rod)
कनेक्टिंग रॉड को कनेक्टिंग रॉड इसलिए कहाँ जाता है क्युकी यह पिस्टन को क्रैन्कशाफ्ट से जोडती है जिसे पिस्टन उपर निचे होता है और इंजन कार्य करता है
पिस्टन और कनेक्टिंग रॉड एक दुसरे से एक पिन की मदत से जुड़े होते है और कनेक्टिंग रॉड का का छोटा भाग पिस्टन में लगा होता है और कनेक्टिंग रॉड का बड़ा भाग क्रैन्कशाफ्ट से जुड़ा होता है
कनेक्टिंग रॉड forged steel की बनी होती है जिसे यह ज्यादा से ज्यादा वजन को सहन कर लेती है इसके अलावा कनेक्टिंग रॉड mealeable cast iron , alluminium alloy से भी बने होते है
कनेक्टिंग रॉड के अलग अलग प्रकार भी होते है जिसे बारे में आपको निचे देखने को मिलेगा जानते है कनेक्टिंग रॉड कार्य कैसे करती है
कनेक्टिंग रॉड कैसे कार्य करती है
कनेक्टिंग रॉड का मुख्या कार्य होता है की यह पिस्टन की गति को और उसकी उर्जा को क्रैन्कशाफ्ट तक पहुचाती है जिसे क्रैन्कशाफ्ट घुमती है
पॉवर स्टोर्क के दोरान जब पिस्टन को उर्जा प्राप्त होती है तो उस उर्जा को कनेक्टिंग रॉड ही क्रैन्कशाफ्ट तक भेजने का कार्य करती है
कनेक्टिंग रॉड ही मुख्या रूप से पिस्टन की आयामी गति को (सीधी गति) को क्रैन्कशाफ्ट की घूर्णन गति में बदलती है जिसे पिस्टन उपर निचे कार्य करता है
जब हम कार को सेल्फ लगाते है तो सेल्फ की मदत से flywheel घूमता है और flywheel क्रैन्कशाफ्ट में लगा होता है इसलिए सेल्फ लगाते ही क्रैन्कशाफ्ट घुमती है
क्रैन्कशाफ्ट में कनेक्टिंग रॉड लगी होती है और कनेक्टिंग रॉड के उपर पिस्टन होता है इसलिए जब सेल्फ लगाने पर जब क्रैन्कशाफ्ट घुमती है
तो कनेक्टिंग रॉड कार्य करती है जिसे पिस्टन उपर की तरफ जाता है जैसे cylinder में preassure बनता है और जब preassure बनता है उसके साथ ही एयर और फ्यूल जलता है जिसे ब्लास्ट होता है पिस्टन के उपर
ब्लास्ट के कारण पिस्टन के उपर उर्जा पैदा होती है और कनेक्टिंग रॉड उस उर्जा को क्रैन्कशाफ्ट तक पहुचती है और क्रैन्कशाफ्ट पिस्टन को निचे की तरफ लेकर आता है इस प्रकार कनेक्टिंग रॉड उर्जा को भेजती है
कनेक्टिंग रॉड के भाग
कनेक्टिंग रॉड के अलग अलग भाग होते है जिसके बारे में आपको निचे देखने को मिल जाएगा जो इस प्रकार है
(1) . स्मोल एंड
कनेक्टिंग रॉड के स्मोल एंड में ही पिस्टन पिन को लगाया जाता है और पिस्टन पिन में कनेक्टिंग रॉड मूव करती है यह फिक्स नहीं रहती है
(2) . बिग एंड
कनेक्टिंग रॉड का बिग एंड क्रैन्कशाफ्ट से जुड़ा होता है और यह बिग एंड 2 भागो में बंटा होता है और यह दोनों भाग क्रैन्कशाफ्ट से दो बोल्ड की मदत से जुड़े होते है
(3) . शेंक
कनेक्टिंग रॉड के बीच वाले हिसे को शेंक कहाँ जाता है और यह i के जैसे दिखाई देता है और कनेक्टिंग रॉड का यह हिसा हल्का होता है और बहुत अधिक मजबूत होता है
(4) . बेअरिंग
कनेक्टिंग रॉड के स्मोल एंड और बिग एंड में bearing लगे होते है जिसे क्रैन्कशाफ्ट और पिस्टन को कार्य करने में मदत मिलती है
(5) . होल
कनेक्टिंग रॉड में होल बने होते है जिसे कनेक्टिंग रॉड लुब्रिकेट होती है अगर यह होल नहीं होगा तो कनेक्टिंग रॉड खराब हो जाएगी इसी होल में इंजन आयल आता है और bearing लुब्रिकेट होता है
कनेक्टिंग रॉड के प्रकार
कनेक्टिंग रॉड मुख्या दो प्रकार की होती है जिसके बारे में आपको निचे देखने को मिल जाएगा
(1) . सिंगल पिस कनेक्टिंग रॉड
सिंगल पिस कनेक्टिंग रॉड का जो मुख्या बिग एंड होता है जिसे बड़ा भाग भी कहते है वह एक ही पिस में बना होता है इसमें नीडल bearing लगाया जाता है और यह कनेक्टिंग रॉड बाइक में लगाईं जाती है
(2) . टू पिस कनेक्टिंग रॉड
टू पिस कनेक्टिंग रॉड का जो बिग एंड होता है उसको दो पिस में बना होता है जिसका इस्तेमाल कार में किया जाता है और इस कनेक्टिंग रॉड में शैल बेअरिंग लगाए जाते है
कनेक्टिंग रॉड bearing
कनेक्टिंग रॉड के स्मोल एंड जिसे कनेक्टिंग रॉड का छोटा भगा भी कहाँ जाता है इसके पिन के बीच में गन मेटल के बुश लगाए जाते है
कनेक्टिंग रॉड के बिग एंड जिसे कनेक्टिंग रॉड का बड़ा भाग भी कहाँ जाता है इसमें जो bearing लगे होते है वह लो कार्बन स्टील , एल्युमिनियम अलॉय आदि के बने होते है
कनेक्टिंग रॉड के बिग एंड बड़े भाग में जो bearing लगते है वह दो पिस में होते है और कनेक्टिंग रॉड के बड़े भाग में लगे होते है और bearing को कनेक्टिंग रॉड में रोकने के लिए फ्लेंज़ का इस्तेमाल किया जाता है
कनेक्टिंग रॉड (बैंड) खराब होने के कारण
किसी भी गाडी की कनेक्टिंग रॉड जल्दी से खराब नहीं होती है परन्तु कुछ कारण एसे है जिनके वजह से कनेक्टिंग रॉड खराब हो जाती है जानते है उन कारणों के बारे में
(1) . इंजन overheat होने के कारण
कनेक्टिंग रॉड बैंड होने का पहला कारण है कार का overheat हो जाना अगर आपकी कार का इंजन अधिक गर्म हो जाता है फिर इंजन गर्म होने का कोई भी कारण हो इंजन अधिक overheat होने के कारण इंजन के अंदर के पार्ट पिघलते है और सबसे पहले कनेक्टिंग रॉड बैंड होती है
(2) . पानी के कारण
कनेक्टिंग रॉड बैंड होने का सबसे बड़ा कारण जो देखा गया है वह है पानी का इंजन के अंदर चले जाना बहुत से लोग बारिश के मोश्म में कार को पानी के अंदर ले जाते है
जिसके कारण पानी इंजन में जाता है और पिस्टन के उपर चले जाता है जहाँ पर पानी जल नहीं पाता है जिसके कारण कनेक्टिंग रॉड पर अधिक preassure उत्पन हो जाता है और कनेक्टिंग रॉड बैंड हो जाती है
खराब कनेक्टिंग रॉड के लक्ष्ण
कनेक्टिंग रॉड बैंड होने के बाद अलग अलग लक्ष्ण दिखाई देते है जिसके बारे में आपको निचे देखने को मिल जाएगा जो इस प्रकार है
(1) . इंजन knocking sound
जब भी आपकी कार के इंजन की कनेक्टिंग रॉड खराब होगी बैंड होगी तो इंजन से knocking sound उत्पन होगा टक टक का sound आएगा
(2) . इंजन सीज हो जाएगा
कनेक्टिंग रॉड बैंड होने के बाद आपको एक लक्ष्ण और देखने को मिलेगा वह है इंजन सीज हो जाएगा अगर कनेक्टिंग रॉड कम बैंड होगी तो साउंड की समस्या होगी अगर कनेक्टिंग रॉड अधिक बैंड होंगी तो इंजन नहीं घूमेगा सेल्फ टक टक करेगा
(3) . कार स्टार्ट होने में अधिक समस्या होगी
कनेक्टिंग रॉड बैंड होने पर आपको एक लक्ष्ण और देखने को मिलेगा वह है कार स्टार्ट नहीं होगी या बहुत लेट स्टार्ट होगी अगर कनेक्टिंग रॉड हलकी बैंड होती है तो कार बहुत लेट स्टार्ट होगी और सेल्फ लगाते है साउंड आएगा
(4) . Low Compression
कनेक्टिंग रॉड बैंड होने के बाद आपको एक लक्ष्ण और देखने को मिलेगा वह है इंजन में Compression सही नहीं बनेगा जिसके कारण स्टार्टिंग में समस्या होगी
कनेक्टिंग रॉड बैंड होने के बाद आपको यह सभी लक्ष्ण अपनी कार में दिखाई देंगे
निष्कर्ष
आशा करते है की आपको कनेक्टिंग रॉड क्या है और कैसे कार्य करती है इसके बारे में पता चल गया होगा और इसके खराब होने के कारण और इसके लक्ष्ण के बारे में भी पता चल गया होगा अगर आपको कनेक्टिंग रॉड से जुडी कोई समस्या है तो आप comment करे हम आपकी मदत करेगे
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जानिए कुछ सवालों के जवाब
Q . कनेक्टिंग रॉड खराब होने का मुख्या कारण क्या है
ans . कनेक्टिंग रॉड खराब होने का मुख्या कारण है इंजन में पानी का चले जाना पानी के कारण ही कनेक्टिंग रॉड बैंड होती है |
Q . कनेक्टिंग रॉड को कैसे बदला जाता है ?
ans . कनेक्टिंग रॉड को बदलने के लिए आपको पूरा इंजन खोलना पड़ेगा बिना इंजन खोले आप कनेक्टिंग रॉड को नहीं बदल सकते है |
Q . कनेक्टिंग रॉड बेअरिंग को बाहर से ही बदला जा सकता है ?
ans . आप कनेक्टिंग रॉड के बिग एंड बड़े भाग वाले बेअरिंग को बाहर से ही बदल सकते है उसके लिए आपको इंजन के चैम्बर (oil can) को खोलना होगा उसके बाद ही आप कनेक्टिंग रॉड के बेअरिंग को बदल सकते है |
Q . कनेक्टिंग रॉड price क्या है ?
ans . कनेक्टिंग रॉड का price अलग अलग होता है फिर भी यह आपको 1000 रूपये से ज्यादा की ही मिलेगी गाडी के अनुसार |