सभी मोटरसाइकिल में इंजन लगा होता है जिसके कारण मोटरसाइकिल चलती है परन्तु क्या आपने कभी यह जाने की कोशिस की है की मोटरसाइकिल का इंजन कैसे काम करता है
और मोटरसाइकिल के इंजन के पार्ट किस प्रकार से काम करते है आज हम आपको बताएगे की मोटरसाइकिल का इंजन किस तरह काम करता है और कोनसे पार्ट इंजन में लगे होते है
मोटरसाइकिल में इंजन अलग अलग प्रकार के होते है जो छोटे और बड़े होते है किसी मोटरसाइकिल में 110 cc का इंजन होता है किसी मोटरसाइकिल में 250 cc का इंजन होता है
परन्तु यह सभी इंजन एक ही प्रकार से काम करता है और मोटरसाइकिल को चलने में मदत करता है जिसे हम मोटरसाइकिल का आनदं प्राप्त करते है
परन्तु इन सभी मोटरसाइकिल के इंजन में कुछ मोटरसाइकिल के इंजन में cooling system लगा होता है और यह अलग प्रकार से काम करता है परन्तु यह इंजन भी आम मोटरसाइकिल जैसा होता है
मोटरसाइकिल का इंजन कैसे काम करता है
मोटरसाइकिल का इंजन दो तरीको से स्टार्ट होता है और इन दोनों तरीको में पहला तरीका है किक स्टार्ट और दूसरा तरीका है सेल्फ स्टार्ट इन दोनों तरीको से मोटरसाइकिल स्टार्ट होती है इन दोनों तरीको से मोटरसाइकिल कैसे स्टार्ट होती है यह आपके लिए पहले जाना आवश्यक है जानिए
(1) . किक से मोटरसाइकिल कैसे स्टार्ट होती है
किक एक प्रकार की शाफ़्ट होती है जो क्लच के साइड लगी होती है किक शाफ़्ट में एक गरारी लगी होती है जो आगे पीछे होती है और इस गरारी को रोकने के लिए एक लॉक लगा होता है
यह लॉक इसलिए लगा होता है की गरारी किक शाफ़्ट से बाहर न निकल जाए यह किक शाफ़्ट टाइमिंग के निसान के अनुसार लगाईं जाती है ताकि मोटरसाइकिल स्टार्ट कर सके
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क्लच में एक कटोरा लगा होता है और इस कटोरे के पीछे एक गरारी लगी होती है इसी कटोरे में क्लच प्लेट डाली जाती है जब हम मोटरसाइकिल को स्टार्ट करने के लिए किक दबाते है
तो किक शाफ़्ट में लगी गरारी आगे आकर क्लच कटोरे को घुमाती है और क्लच कटोरा crankshaft में लगा होता है जब किक लगाने पर क्लच कटोरा घूमता है और साथ ही crankshaft घुमती है और इंजन घूमता है और मोटरसाइकिल स्टार्ट होती है
(2) .सेल्फ से मोटरसाइकिल कैसे स्टार्ट होती है
सेल्फ से मोटरसाइकिल को स्टार्ट करने के लिए तरीका थोडा अलग होता है मोटरसाइकिल के chamber में एक सेल्फ लगा होता है और यह सेल्फ मोटरसाइकिल के magnet को घुमाता है
यह सेल्फ मोटर मोटरसाइकिल के इंजन को स्टार्ट करने के लिए पॉवर की सप्लाई करती है जब सेल्फ लगाने से मोटरसाइकिल का इंजन स्टार्ट होता है तो सेल्फ को इंजन से अलग करना पड़ता है
जिसके लिए magnet में एक क्लच लगा होता है और इस क्लच में स्प्रिंग और गोलिया होती है जब हम सेल्फ लगाते है तो मेगनेट घूमता है और मोटरसाइकिल का इंजन स्टार्ट होता है
जब इंजन स्टार्ट होता है तो magnet में लगा क्लच सेल्फ के सिस्टम को बंद कर देता है और सिर्फ magnet घूमता है और मोटरसाइकिल का इंजन स्टार्ट होता है
(3) . मोटरसाइकिल का इंजन कैसे काम करता है
मोटरसाइकिल के इंजन को स्टार्ट करने के लिए chamber में क्रैन्कशाफ्ट लगी होती है और इसी क्रैन्कशाफ्ट में एक साइड क्लच सिस्टम लगा होता है और इसी क्लच सिस्टम में किक शाफ़्ट लगी होती है और
क्रैन्कशाफ्ट में क्लच साइड एक wait लगा होता है और दूसरी साइड ही क्रैन्कशाफ्ट में magnet लगा होता है chamber के ऊपर cylinder लगा होता है और इस cylinder में पिस्टन रिंग लगे होते है
और यह पिस्टन रिंग एक कनेक्टिंग रोड के द्वारा क्रैन्कशाफ्ट से जुडी होती है cylinder के उपर एक हेड लगा होता है और इस हेड में valve और camshaft और rocker arm लगे होते है
और head में लगे valve के बीच प्लग लगा होता है क्रैन्कशाफ्ट में और camshaft में एक टाइमिंग चैन लगी होती है जो इन दोनों को जोड़े रखती है जिसे इंजन घूमता है
जब हम किक लगाते है तो किक शाफ़्ट में लगी गरारी क्लच कटोरे में लगी गराई को घुमाता है और क्लच कटोरा क्रैन्कशाफ्ट में लगे wait को घुमाता है जिसे क्रैन्कशाफ्ट घुमती है
जब क्रैन्कशाफ्ट घुमती है तो टाइमिंग चैन की मदत से camshaft घुमती है और पिस्टन रिंग भी cylinder के अन्दर उपर निचे होता है और इंजन काम करता है
परन्तु इंजन को स्टार्ट होने के लिए पॉवर की जरूरत होती है जब तक स्पार्क प्लग में करंट नहीं जाता है मोटरसाइकिल का इंजन स्टार्ट नहीं होता है उसके लिए इंजन में magnet लगाया जाता है
और इस magnet में coil लगी होती है और यह coil अलग अलग प्रकार से करंट उत्पन करती है और अलग अलग पार्ट को करंट को सप्लाई करती है जैसे cdi को , बैटरी charger को , हेड लाइट को जिसे सभी अलग अलग तरह से काम करती है
यह coil magnet के अन्दर होती है जब magnet घूमता है तो करंट उत्पन होता है और यह current wiring की मदत से cdi में जाता है और फिर वहा से st coil में जो फ्यूल टैंक के निचे लगी होती है
st coil से यह current वायर की मदत से प्लग अडॉपटर में जाता है और फिर प्लग में जाता है जिसे प्लग पिस्टन के उपर स्पार्क करता है परन्तु इंजन तभी स्टार्ट होगा जब उसे फ्यूल मिलेगा
उसके लिए कार्बोरेटर या इंजेक्टर लगा होता है जब फ्यूल टैंक से फ्यूल कार्बोरेटर या इंजेक्टर में जाता है तो वह फ्यूल हेड में जाता है जहाँ प्लग स्पार्क करता है और इस फ्यूल के साथ एयर भी जाती है
जब यह फ्यूल हेड में पिस्टन के उपर जाता है तो प्लग स्पार्क करता है और फ्यूल जलता है जिसे मोटरसाइकिल का इंजन स्टार्ट होता है और मोटरसाइकिल चलती है
मोटरसाइकिल स्टार्ट होने की यह पूरी प्रक्रिया एक साथ होती है जब हम किक या सेल्फ लगाते है तो साथ ही फ्यूल और एयर इंजन में जाती है और इंजन भी घूमता है और उसी समय magnet भी प्लग को current सप्लाई करता है
जिसे मोटरसाइकिल का इंजन काम करता है सभी मोटरसाइकिल में इंजन को स्टार्ट करने के लिए इसी तरीके का इस्तेमाल किया जाता है बस थोडा बहुत बदलाव किया जा रहा है जैसे कार्बोरेटर की जगह इंजेक्टर का इस्तेमाल करना
cooling system में मोटरसाइकिल का इंजन कैसे काम करता है
जिन मोटरसाइकिल में रेडिएटर लगा होता है जिसमे coolant डाला जाता है उस मोटरसाइकिल में इंजन के काम करने का तरीका बिलकुल आम सभी मोटरसाइकिल जैसा ही होता है
परन्तु इन मोटरसाइकिल के इंजन को ठंडा करने के लिए coolant का इस्तेमाल किया जाता है इंजन के पास एक रेडिएटर लगा होता है और एक fan जो इंजन को ठंडा करता है
अगर इस रेडिएटर में coolant नहीं होगा तो मोटरसाइकिल का इंजन बहुत जल्दी गर्म हो जाएगा और जल्दी ठंडा नही होगा अगर इंजन जादा गर्म हो गया तो इंजन सीज हो सकता है
निष्कर्ष
आशा करते है की आपको मोटरसाइकिल का इंजन कैसे काम करता है इसके बारे में जानकारी मिल गई होगी इंजन अलग अलग प्रकार के होते है परन्तु कार्य सभी इसी प्रकार से करते है अगर आपको इंजन से जुडी कोई समस्या है तो आप कमेंट करे जिसे हम आपकी मदत कर सके
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जानिए कुछ सवालों के जवाब
Q . मोटरसाइकिल का इंजन धुआं क्यों देता है ?
ans . जब आपकी मोटरसाइकिल के इंजन का पिस्टन और रिंग ख़राब हो जाता है तो मोटरसाइकिल धुआं देने लगती है क्युकी इंजन आयल पिस्टन के उपर आ जाता है जिसके कारण प्लग जब स्पार्क करता है तो इंजन आयल जलकर सिलेंसर से धुंए के रूप में बाहर निकल जाता है |
Q . एयर फ़िल्टर के खराब होने पर क्या होता है ?
ans . जब आपकी मोटरसाइकिल का एयर फ़िल्टर ख़राब हो जाता है तो माइलेज कम हो जाती है pickup भी डाउन हो जाती है , इंजन आयल खराब हो जाता है इंजन से आवाज आने की समस्या उत्पन हो जाती है |