एस्बेस्टॉसिस रोग क्या है (what is Asbestosis in Hindi) आज हम आपको इसी के बारे में जानकारी देंगे एस्बेस्टॉसिस रोग मुख्या रूप से फेफड़ो में होने वाला रोग है

जब यह रोग हमारे शरीर में होता है तो सांस लेने में समस्या होती है फेफड़े सही प्रकार से खुलने और सिकुड़ने में समय लेते है खून में ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है

एस्बेस्टॉसिस रोग मुख्या रूप से एस्बेस्टस के कारण होता है एस्बेस्टस में रेशे होते है और यह एसा प्रदार्थ है जो आसानी से आग नहीं पकड़ता है आग लगाने पर भी

एस्बेस्टस प्रदार्थ बड़ी बड़ी खानों या चटानो में मिलता है और इसका इस्तेमाल बड़े उद्योग बनाने में किया जाता था एस्बेस्टस जहरीले होते है जो कैंसर का कारण बन सकते है

इसलिए आज हम एस्बेस्टस के कारण होने वाली समस्या एस्बेस्टॉसिस रोग क्या है इसके कारण लक्ष्ण इलाज सभी के बारे में बताएगे जो इस प्रकार है

एस्बेस्टॉसिस रोग क्या है – Asbestosis in Hindi

एस्बेस्टॉसिस-रोग-क्या-है

जैसा की आपको हमने उपर बताया है की एस्बेस्टॉसिस फेफड़ो में होने वाली एक बिमारी है जो धीरे धीरे आगे चलकर कैंसर का कारण बन सकती है जो आपके लिए खतरा है

आमतोर पर एस्बेस्टॉसिस की समस्या तब होती है जब एस्बेस्टस फाइबर के रेशो के कारण हमारे फेफड़ो में स्कार बने लगते है जिसके कारण सांस लेने में समस्या होती है

जिसके कारण फेफड़े सही प्रकार से खुलते और सिकुड़ते नहीं है जिसके कारण खून में ऑक्सीजन की मात्रा भी कम होने लगती है एस्बेस्टॉसिस को इंटरस्टीशियल न्यूमोनाइटिस के नाम से भी जाना जाता है

एस्बेस्टस मुख्या गर्मी और बिजली के प्रतिरोधी होते है जब कोई व्यक्ति एस्बेस्टस फाइबर को साँस के द्वारा अंदर ले लेता है तो एस्बेस्टस फाइबर के रेशे हमारे फेफड़ो के टिशु को नुकसान पहुचाते है

जब भी एस्बेस्टस फाइबर साँस के द्वारा आपके शरीर में जाती है तो अचानक से लक्ष्ण नहीं दिखाई देते है कम से कम 8 से 10 साल के बाद आपको लक्ष्ण दिखाई देते है जो निचे देखने को मिल जाएगे

एस्बेस्टॉसिस क्यों होता है – causes of Asbestosis in Hindi

एस्बेस्टॉसिस रोग होने का एक मुख्या कारण है एस्बेस्टस फाइबर के रेशो का हमारे शरीर में साँस के माध्यम से प्रवेश कर जाना जिसके कारण सांस लेने में समस्या होती है

अगर किसी व्यक्ति के शरीर में साँस के माध्यम से एस्बेस्टस फाइबर अंदर चला जाता है तो कई सालो के बाद उसे फेफड़ो के कैंसर या झिली के ट्यूमर की समस्या उत्पन होती है

जिसके दोरान फेफड़े खुलने और सिकुड़ने में समय लेते है और साथ ही खून में ऑक्सीजन की मात्रा कम होने लगती है जिसके कारण सांस नहीं ले पाते है

एस्बेस्टॉसिस रोग सबसे ज्यादा उन व्यक्ति को होती है जो ज्यादा से ज्यादा एस्बेस्टस फाइबर के सम्पर्क में रहते है या जिन उधोग में एस्बेस्टस फाइबर का इस्तेमाल किया जाता है वहां काम करते है

जिसके कारण उन व्यक्ति में धीरे धीरे एस्बेस्टस फाइबर साँस के द्वारा अंदर जाता है इसलिए एस्बेस्टस फाइबर एस्बेस्टॉसिस रोग का मुख्या कारण है

देखा गया है की एस्बेस्टॉसिस रोग सभी को नहीं होता है अगर कोई साँस के द्वारा एस्बेस्टस फाइबर को ले लेता है तो जरुरी नहीं है की उसे एस्बेस्टॉसिस रोग हो जाए

परन्तु जो लोग पूरा दिन एस्बेस्टस फाइबर के सम्पर्क में रहते है और साथ ही धुम्रपान करते है उनको एस्बेस्टॉसिस होने का खतरा ज्यादा होता है इसके कुछ अन्य कारण है

एस्बेस्टॉसिस के अन्य कारण क्या है ?

(1) . एस्बेस्टस फाइबर के सम्पर्क में रहने के साथ धुम्रपान का सेवन करना

(2) . ज्यादा लम्बे समय तक एस्बेस्टस फाइबर के सम्पर्क में रहने के कारण

(3) . एस्बेस्टस फाइबर के पास काम करते समय मास्क का इस्तेमाल न करने के कारण

एस्बेस्टॉसिस के लक्ष्ण – symptoms of Asbestosis in Hindi

एस्बेस्टॉसिस रोग के अलग अलग लक्ष्ण दिखाई देते है जिसके बारे में आपको निचे देखने को मिल जाएगा जो इस प्रकार है

(1) . साँस लेने में समस्या होने लगती है

(2) . आपको सुखी खांसी की समस्या अधिक होगी

(3) . आपकी छाती में दर्द होगा आपको एक खिचाव महसूस होगा

(4) . आपकी भूख कम हो जाएगी और आपका वजन धीरे धीरे कम होगा

(5) . आपकी उंगलियों का अकार बदल जाएगा

(6) . सिने में दर्द होगा

आमतोर पर देखा गया है की जब एस्बेस्टस फाइबर साँस के माध्यम से आपके शरीर में प्रवेश करता है तो अचानक से यह लक्ष्ण दिखाई नहीं देते है इसमें सालो भी लग जाते है इसलिए अगर आपको साँस लेने में समस्या हो या अन्य लक्ष्ण दिखाई दे तो आप डॉक्टर से सलाह ले जाँच करवाए

एस्बेस्टॉसिस की जाँच – diagnosis of asbestosis in Hindi

एस्बेस्टॉसिस रोग की जाँच करने में अधिक समस्या होती है क्युकी इसके लक्ष्ण अचानक से नहीं दिखाई देते है यह धीरे धीरे नजर आते है इसके साथ ही फेफड़ो में एस्बेस्टस फाइबर के रेशो को पता लगाना भी बहुत ज्यादा मुश्किल होता है परन्तु कुछ टेस्ट किए जाते है जिसे एस्बेस्टॉसिस रोग की जाँच की जाती है

(1) . एस्बेस्टॉसिस के लिए छाती का एक्सरे

देखा गया है की फेफड़ो में एस्बेस्टस फाइबर का पता लगाने के लिए और अन्य समस्या का पता लगाने के लिए एक्सरे किया जाता है परन्तु एक्सरे में एस्बेस्टस फाइबर की समस्या सामने बहुत कम आती है

(2) . एस्बेस्टॉसिस के लिए सीटी स्कैन

एस्बेस्टॉसिस की समस्या का पता लगाने के लिए एक टेस्ट सीटी स्कैन किया जाता है एस्बेस्टॉसिस की समस्या को बारीकी से देखने के लिए सीटी स्कैन करते है इसे फेफड़ो को 3डी इमेज के द्वारा देखा जाता है इन्फेक्शन का पता लगाया जाता है

(3) . एस्बेस्टॉसिस के लिए थोरेसेंटेसिस

एस्बेस्टॉसिस का पता लगाने के लिए फेफड़ो की जाँच के लिए थोरेसेंटेसिस टेस्ट किया जाता है इस टेस्ट के द्वारा हमारी पसलियों से सुई के द्वारा फुसफुस गुहा से तरल प्रदार्थ को निकाला जाता है जाँच के लिए

(4) . एस्बेस्टॉसिस के लिए ब्रोंकोस्कोपी

हमारे फेफड़ो के जाँच के लिए ब्रोंकोस्कोपी की जाती है जो की हमारे लिए आसान तरीका है ब्रोंकोस्कोपी के दोरान एक छोटी ट्यूब को हमारे नाक से या मुहँ से फेफड़ो तक भेजते है जिसे फेफड़ो की जाँच की जाती है साथ ही बलगम को कम किया जाता है

इस प्रकार से एस्बेस्टॉसिस की समस्या का पता लगाने के लिए फेफड़ो की जांच की जाती है इसके साथ ही डॉक्टर आपके अन्य टेस्ट कर सकता है

एस्बेस्टॉसिस का इलाज – treatment of asbestosis in Hindi

अभी तक डॉक्टर के पास एस्बेस्टॉसिस का कोई इलाज नहीं है अगर किसी व्यक्ति को एस्बेस्टॉसिस रोग होता है या उसके लक्ष्ण दिखाई देते है तो कुछ दवाइयों की मदत से सिर्फ लक्षणों को कम कर सकते है

एस्बेस्टॉसिस को पूरी तरह से ठीक नहीं किया जा सकता है क्युकी यह हमारे फेफड़ो को नुक्सान पहुचाती है अगर आपका इलाज चल रहा है तो आपको समय समय पर जांच करवानी जरुरी होती है

क्युकी जाँच के माध्यम से डॉक्टर चेक करते है की मरीज को दी गई दवाइयों से लक्ष्ण कम हुए है या नहीं कुछ आराम है या ताकि दवाइयों को बदला जा सके

इसलिए डॉक्टर बार बार आपका सीटी स्कैन या एक्सरे करते है ताकि आपकी समस्या को कम किया जाए अगर समस्या ज्यादा बढ़ जाती है तो डॉक्टर आपकी सर्जरी भी कर सकते है

अगर समस्या गंभीर हो जाती है तो डॉक्टर फेफड़ो को बदलने की सलाह देते है इसके साथ ही एस्बेस्टॉसिस से बचने का एक ही इलाज है की आप एस्बेस्टस फाइबर वाली जगह और एस्बेस्टस फाइबर से दूर रहे

एस्बेस्टॉसिस से बचाव – prevention of asbestosis in Hindi

एस्बेस्टॉसिस रोग से बचने का सबसे आसान उपाय है की आप एस्बेस्टस फाइबर वाली जगह से दूर रहे यही एस्बेस्टॉसिस से बचाव का आपके लिए सबसे अच्छा तरीका है इसी के साथ आपको किसी प्रकार का कोई धुम्रपान नहीं करना है इसे आपकी समस्या बढ़ सकती है

(1) . जितना हो सके एस्बेस्टस फाइबर से दूर रहे जहाँ पर भी आपको एस्बेस्टस फाइबर देखने को मिले तो वहा न जाए एस्बेस्टस फाइबर वाली जगह पर काम न करे

(2) . एस्बेस्टस फाइबर वाली जगह पर जाने से पहले मास्क का इस्तेमाल करे

(3) . किसी भी प्रकार का धुम्रपान नहीं करना है तम्बाकू , सिगरेट आदि के सेवन से बचे

आपको उपर बताई गई बातो का ध्यान रखना है तभी आप एस्बेस्टॉसिस से अपना बचाव कर सकते है

निष्कर्ष

आशा करते है की आपको एस्बेस्टॉसिस रोग क्या है इसके बारे में पता चल गया होगा और अब आप सभी बताओ का ध्यान रखेगे अगर आपको एस्बेस्टॉसिस रोग से जुड़ा कोई लक्ष्ण दिखाई देता है तो आपको तुरंत ही डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए और जाँच करवानी चाहिए और जितना हो सके एस्बेस्टस फाइबर से दुरी बनाए रखे

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जानिए कुछ सवालो के जवाब

Q . एस्बेस्टस फाइबर क्या होता है ?

ans . एस्बेस्टस फाइबर कई प्रकार के खनिज सिलीकेंटो का समूह है जो रेशेदार होते है यह रेशे बहुत चमकते है और सफ़ेद दिखाई देते है |

Q . एस्बेस्टॉसिस रोग की समस्या में हमे क्या हो सकता है ?

ans . अगर आप लम्बे समय तक एस्बेस्टस फाइबर के सम्पर्क में रहते है तो आपको फेफड़ो का कैंसर या झिली का कैंसर हो सकता है |

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