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car key coding तब की जाती है जब आपकी कार की key ecm के कोड के साथ match नहीं हो पाती है हमारी कार को कोई चोरी न कर सके इसके लिए कंपनी ने कार के key में immobilizer system दिया है 

immobilizer system new model की कार में ज्यादा देखने को मिलती है इस सिस्टम के अनुसार किस कार को उसी key से स्टार्ट किया जाता है जो कंपनी ने कार को दी है 

अगर आप कार को स्टार्ट करने के लिए किसी दूसरी key का इस्तेमाल करोगे तो कार स्टार्ट नहीं होगी और डैशबोर्ड में एक immobilizer light blink करेगी और हमे संकेत देगी की कार की key गलत है

key के अंदर , ecm के अंदर और immobilizer के अन्दर एक ही कोड होता है परन्तु कई बार किसी एक पार्ट से कॉड हट जाता है जिसके कारण कार स्टार्ट नहीं होती है और immobilizer light ब्लिंक करती है 

इसलिए आज हम आपको बताएगे की अगर आपकी key से कोड हट गया है तो आप किस तरह coding कर सकते है जिसे आपकी कार स्टार्ट हो सके 

car key coding क्या है (what is car key coding in hindi)

Car Key Coding क्या है 

key coding एक तरह की security होती है कार की wiring में ICM और ECM होता है जिसमे एक code होता है और कार की key में भी वही code होता है तीनो में एक जैसा code होते है जिसके कारण कार स्टार्ट होती है 

जब हम key कार के ignation switch में लगाते है तो ignition switch  में एक immobilizer sensor होता है जो signal ICM और ecm को भेजता है जिसे ICMऔर ECM को पता चलता है की सही key लगी है कार में जिसे कार स्टार्ट होती है 

उधारण से समझिए 

मान लीजिए आपके पास swift कार है और उसकी key आपके पास से गुम हो जाती है और आप दूसरी key बनवाते है कार स्टार्ट करने के लिए और जब आप उस दूसरी key से कार स्टार्ट करने जाओगे तो कार स्टार्ट नहीं होगी

आपको dashboard मीटर में security लाइट दिखेगी जो blink करेगी और जब तक वो लाइट blink करेगी तब तक आपकी कार स्टार्ट नहीं होगी 

एसा इसलिए होता है key में code होता है और जब तक वह code कार के ICM और ECM से मैच नहीं करेगा कार स्टार्ट नहीं होती इसलिए key में scanner की मदत से वह code डाला जाता है और कार स्टार्ट होती है इसे ही car key coding कहाँ जाता है 

key + immobilizer sensor +ICM + ECM  सभी में एक जैसे key code होता है 

car key problem in hindi

हम आपको बता दे की सिर्फ key के गुम हो जाने पर ही यह प्रोब्लम नहीं होती और भी चीजे खराब होने से यह प्रोब्लम होती है इसलिए सब कुछ चेक करवाने के बाद ही key coding  होती है 

अब आपको यह तो पता चल गया key coding क्या होती है लेकिन सिर्फ key के गुम हो जाने पर ही यह प्रोब्लम नहीं होती ECM, ICM , immobilizer sensor या wiring में कोई प्रोब्लम होने से भी एसा हो जाता है  या fuse खराब हो गया हो immobilizer का तब भी यही प्रोब्लम आती है 

अगर आपकी कार स्टार्ट नहीं हो रही तो आप सबसे पहले यही चेक करे मीटर में immobilizer की लाइट blink तो नहीं कर रही अगर blink कर रही है तो कार स्टार्ट नहीं होगी 

इस प्रोब्लम में सबसे पहले आपको fuse चेक करने है fuse खराब होगा तो भी यह लाइट blink करेगी उसके बाद अगर आपकी इंजन के पास कही भी ground अर्थ की वायर टूटी होगी या लूस होगी या उस वायर में डस्ट लग जाए तो भी यह लाइट blink करती है और कार स्टार्ट नहीं होती 

इसके अलावा ICM , ECM , immobilizer या वायर कही से टूटी हो तब यह प्रोब्लम आती है इन सब के चेक करने के बाद अगर फिर भी लाइट blink करती है तो key coding  करवानी पड़ेगी 

key coding system कार में क्यों लगाया जाता है (Why is key coding system installed in the car in hindi)

key coding system कार में इसलिए लगाया जाता है कार सुरक्षित रहे कोई चोरी ना कर सके क्युकी अगर कोई चोर दूसरी key से कार को स्टार्ट करने की कोशिस करता है तो कार स्टार्ट नहीं होगी

क्युकी Duplicate key के code कार के key code के साथ मेच नहीं करेगे और security light blink करने लगेगी 

how to car key coding in hindi

How To Car Key Coding 

key coding करना बहुत आसान है इसके लिए आपको scanner की जरूरत पड़ेगी scanner में हम आपको बता दे launch scanner X431 इसमें आपको key coding करने में और आसानी होगी 

हम आपको wagnor की key coding के बारे में बताएगे इसे आपको सभी car key coding के बारे में पता चल जाएगा  सिर्फ कंपनी और कार change करनी है 

 step . 1

सबसे पहले आपको scanner on करना है और local diagnosis में जाना है  और asin car पे click करना है 

 step . 2

asin car पे click करना है उसके बाद आपको कार की कंपनी select करनी है हम आपको Wagon R की key coding के बारे में  बता रहे है इसलिए आपको maruti indian company पर click करना है 

 step . 3

उसके बाद आपको old menu में जाना है  और अपनी कार select करनी है Wagon R फिर मोडल select करना है आपके सामने old fault code आएगा उस fault code को clear करना है 

 step . 4

old fault clear करने के बाद आपको back जाना है और new immobilizer पर click करना है

 step . 5

ID code reading पर click करना है और id code को copy पर देख के लिख लेना है यह code 20 डिजिट का code होगा 

 step . 6

आपको फिर back जाना है और पहले आपने old menu पर click किया था अब new menu  में click करना है और फिर special function पर click करना है फिर immobilizer पर click करना है 

 step . 7

immobilizer पर क्लिक करने के बाद pin Calculator पर click करना है और आपको जो code copy पर लिखा था 20 digit का वह डालना है 

 step . 8

pin डालने के बाद आपको एक और पिन show होगा वह भी आपको लिख लेना है यह code 4 digit का होगा **** 

 step . 9

अब आपको फिरसे back जाना है और आपको फिरसे old menu में जाना है और Wagon R select करना है फिर immobilizer पर click करना है और new immobilizer में जाना है फिर दो option आएगे id code reading और immobilizer आप पहले id code में गए थे अब आपको immobilizer में जाना है 

 step . 10

और आपको कार का code डालना है अलग अलग कार का अलग code होता है 

 step . 11

कार का code डालने के बाद आपको वह code डालना है जो आपने दूसरी बार copy में लिखा था 4 digit का 

 step . 12

4 digit डालने के बाद आपको key registration पर click करना है और ok कर देना है  उसके बाद आपको year , month select करना है उसके बाद आपको KEY को बाहर निकाल लेना है 2 या 3 मिनट के लिए 

इस तरह से KEY CODING  हो जाएगी

निष्कर्ष

आशा करते है की आपको how to car key coding के बारे में पता चल गया होगा इसे आप आसानी से अपनी कार की key coding कर सकते है और आपको समस्या नहीं होगी अगर आपको key coding से जुडी कोई भी समस्या है तो आप कमेंट करे 

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जानिए कुछ सवालो के जवाब

Q . क्या दुसरे किसी scanner से key coding की जा सकती है ?

ans . हाँ आप किसी और scanner से आसानी से key कोडिंग कर सकते है |

Q . क्या key code को दोबारा मंगाया जा सकता है ?

ans . अगर आपकी गाडी का code आप भूल जाते है तो उस code को वापिस मंगाया जा सकता है

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