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आज हम आपको अमीबियासिस रोग क्या है इसके बारे में बताएगे यह क्या है क्यों होता है इसके लक्ष्ण जांच होम्योपैथिक दवाइयां आदि की जानकारी देंगे

अमीबियासिस रोग आंतो में होने वाला एक संक्रामक रोग है जो धीरे धीरे हमारे शरीर में फ़ैल जाता है और हमारे लीवर को भी नुक्सान पंहुचा सकता है

इसके दोरान दस्त , उलटी , पेट में दर्द जैसी अलग अलग समस्या होने लगती है जो बढती ही जाती है अगर समय पर इलाज नहीं करवाया जाता है इसलिए आज हम अमीबियासिस रोग के बारे में बताएगे जो इस प्रकार है

अमीबियासिस रोग क्या है

अमीबियासिस-रोग-क्या-है

अमीबियासिस को यकृत शोथ के नाम से भी जाना जाता है इसमें हमारे पेट की आंतो के अंदर एक कोशिका परिजिवी के कारण होने वाली सुजन और संक्रमण को अमीबियासिस रोग कहते है

परन्तु अमीबियासिस हेप्टिक तब होता है जब हमारी आंतो से संक्रमण और सुजन फ़ैल कर हमारे लीवर तक पहुच जाता है और धीरे धीरे अमीबियासिस रोग पुरे शरीर में फ़ैल जाता है

ज्यादातर लोगो के लीवर में फोड़ा हो जाता है इसका कारण भी अमीबियासिस रोग होता है और यह समस्या किसी को भी हो सकती है यह गलत खान पान , दूषित पानी आदि से होती है

अमीबियासिस रोग के कारण

अब जानते है की अमीबियासिस रोग के कारण यह क्यों होता है जो इस प्रकार है

अमीबियासिस रोग क्यों होता है ?

अमीबियासिस रोग एक संक्रमित रोग होता है यह एक परिजिवी जीवाणु होता है और यह मुख्या रूप से दूषित पानी या दूषित खान पान से फैलने वाला रोग है

अमीबियासिस रोग मुख्या प्रोटोजोआ एंटअमीबा हिस्टोलिटिका कोशिका परिजिवी होता है जो दूषित पानी , दूषित हवा , दूषित खाने के कारण हमारे सांस नली से होता हुआ हमारी आंतो को संक्रमित करता है

जिसके कारण सुजन भी उत्पन हो जाती है और यह समस्या धीरे धीरे बढती रहती है जिसके कारण कभी कभी दस्त की समस्या भी ज्यादा हो जाती है

अमीबियासिस रोग के अन्य कारण

(1) . दूषित पानी के सेवन के कारण

(2) . दूषित भोजन के कारण

(3) . शोच बाहर जाने के कारण

(4) . संक्रमित व्यक्ति के शोच के सम्पर्क में आने के कारण

(4) . संक्रमित व्यक्ति के साथ सम्भोग के कारण

(5) . बिना हाथ धोए खाना खाने के कारण

(6) . शरीर की सफाई न रखने के कारण

(7) . बाहर का खाना खाने के कारण

अमीबियासिस रोग के लक्ष्ण

अमीबियासिस रोग के लक्ष्ण आपको निचे देखने को मिल जाएगे जो इस प्रकार है

(1) . पेट में हमेशा दर्द बना रहता है

(2) . पेट में गैस बनी रहती है

(3) . पेट बाहर की तरफ फुला रहता है

(4) . बार बार मरोड़ लगती है

(5) . पतली दस्त की समस्या होती है

(6) . हर दिन धीरे धीरे शरीर का वजन कम हो जाता है (सेहत कैसे बनाए)

(7) . शरीर में हमेशा बुखार रहता है

(8) . उलटी की समस्या होती है

(9) . दस्त के साथ खून की समस्या होती है

(10) . कब्ज की समस्या हो जाती है

(11) . सिर हाथ और पैर हमेशा गर्म लगते है छूने पर

(12) . भूख कम लगने लगती है ( भूख लगने की होम्योपैथिक मेडिसिन)

(13) . गुसा व चिडचिडापन ज्यादा होता है

(14) . दस्त के साथ चिकनाहट निकलती है

(15) . कमजोरी और थकान हो जाती है

(16) . खून की कमी होगी

यह अमीबियासिस रोग के मुख्या लक्ष्ण है अगर यह लक्ष्ण आपके शरीर में दिखाई देते है तो डॉक्टर से मिले

अमीबियासिस रोग की जाँच

अमीबियासिस रोग की जाँच के लिए डॉक्टर आपसे बात करता है आपकी पुरानी समस्या के बारे में आपसे पूछता है पहले कभी तो नहीं हुई है उसके बाद आपके कुछ टेस्ट करते है

(1) . लैब टेस्ट की मदत से

अमीबियासिस रोग की सही जानकरी के लिए डॉक्टर आपका लैब टेस्ट करवा सकता है उसके लिए आपका ब्लड टेस्ट करवा सकते है जिसे आपके लीवर की जाँच की जाती है

(2) . स्टूल टेस्ट की मदत से

अमीबियासिस रोग के दोरान आपके स्टूल की जाँच की जाती है और समस्या का पता लगाया जाता है की अमीबियासिस रोग के कारण लीवर को नुक्सान तो नहीं हो रहा है

(3) . अल्ट्रासाउंड या सीटी स्कैन की मदत से

परन्तु कई बार यह संक्रमण हमारे आंतो के बाहर की तरफ फ़ैल जाता है जिसके कारण जब हम स्टूल टेस्ट करवाते है तो समस्या का पता नहीं चलता है इसके लिए डॉक्टर आपके लीवर की जांच के लिए अल्ट्रासाउंड या सीटी स्कैन करवाते है और समस्या नंजर आने पर लीवर में हुए घाव की जांच डॉक्टर करते है

अमीबियासिस रोग का इलाज

अमीबियासिस रोग का इलाज आपकी उम्र , लिंग आपकी समस्या पर निर्भर करता है जब आप अमीबियासिस रोग को लेकर डॉक्टर के पास जाते है तो डॉक्टर आपकी जांच करता है

देखता है समस्या ज्यादा है या कम फ़ैल तो नहीं गई है अगर समस्या कम होती है तो एंटीबायोटिक दी जाती है जिसे समस्या कम हो सके अगर समस्या ज्यादा बढती है तो दवाइयों की मात्रा को बढाया जाता है

अमीबियासिस रोग में metronidazole एंटीबायोटिक दी जाती है और साथ में ofloxacin दी जाती है ताकि समस्या जल्दी कम हो अगर मरीज को बहुत ज्यादा समस्या है

तो आई वी को गुलुकोज के तरह नशों में लगाया जाता है सुबह शाम 3 से 4 दिन तक यह युवा के लिए है छोटे बच्चो के लिए यह सिरप के रूप में आता है जो अमीबियासिस रोग को रोकता है उसे खत्म करता है

अगर साथ में अल्सर या एसिडिटी की समस्या मरीज को बढती है तो ppi या aciloc 150 tablet सुबह खाली पेट दी जाती है इसे एसिडिटी और गैस की समस्या कम होती है

इसके साथ मरीज में अमीबियासिस रोग के दोरान खून की कमी होती है उसके लिए आयरन की मेडिसिन दी जाती है सुभ शाम जिसे खून की कमी दूर होती है बच्चो के लिए यह सिपर या ड्राप के रूप में आता है

इस प्रकार अमीबियासिस रोग का इलाज किया जाता है और लक्षणों को कम किया जाता है यह सिर्फ आपकी जानकारी के लिए है अपनी मर्जी से मेडिसिन न ले डॉक्टर के अनुसार ही मेडिसिन ले

अमीबियासिस रोग से कैसे बचे

अमीबियासिस रोग से बचने के लिए आपको कुछ बातो का ध्यान रखना होगा जो इस प्रकार है

(1) . खाना खाने से पहले या बाद में हाथो को धोए

(2) . हमेशा ढका हुआ पानी पिए और साफ़ पानी पिए

(3) . हमेशा ताजे खाने का सेवन करे

(4) . बाहर का खाना न खाए

(5) . शोच के लिए बाहर न जाए

(6) . किसी भी प्रदार्थ को खाने से पहले अछे से धो ले

(7) . खाना कम खाए

(8) . शरीर की सफाई ज्यादा रखे

(9) . बारिश के पानी से दूर रहे

(10) . तला हुआ भोजन न करे

अमीबियासिस रोग की होम्योपैथिक दवाइयाँ

अब हम आपको अमीबियासिस रोग के लिए कुछ होम्योपैथिक दवाइयों के बारे में बताएगे जो इस प्रकार है

(1) . aloes socotrina 30

इसमें अगर आपको पेट में दर्द होता है और कुछ भी खा लेने के बाद अगर आपको लगता है की आपको टॉयलेट जाना है और टॉयलेट जाने के बाद स्टूल की जगह गैस निकलती है तो एसे में aloes socotrina 30 मेडिसिन अमीबियासिस रोग के लिए बहुत लाभकारी है

(2) . colocynthis 30

अगर अमीबियासिस रोग के दोरान आपको बहुत तेज पेट में दर्द होता है और अगर पेट को पकड़कर झुकने पर आराम मिलता है तो एसे में आप आसानी से colocynthis 30 अमीबियासिस रोग के लिए ले सकते है

(3) . merc sol 30

अगर अमीबियासिस रोग के दोरान आपको तेज दस्त लगते है और स्टूल के साथ चिपचिपा प्रदार्थ आता है जिसे म्यूकस कहते है और खून भी आता है और यह समस्या शाम को ज्यादा होती है और ठण्ड ज्यादा लगने लगती है तो आप merc sol 30 मेडिसिन ले सकते है

(4) . colchicum autumnale 30

अगर आपको दस्त लगती है और स्टूल में चिपचिपा म्यूकस निकलता है और उस म्यूकस में सफ़ेद पार्टिकल निकलने लगते है तो आप colchicum autumnale 30 ले सकते है

(5) . ipecac 30

अगर आपको अमीबियासिस रोग के दोरान उलटी जैसा लगता है कुछ भी आप खाते या पीते है तो एसा लगता है की उलटी होगी और स्टूल में बहुत ज्यादा बदबू आती है तो आप ipecac 30 ले सकते है

अगर आपको अमीबियासिस रोग है तो आप किसी होम्योपैथिक डॉक्टर की सलाह लेकर उपर बताई गई मेडिसिन का सेवन कर सकते है आपको आराम मिलेगा

अमीबियासिस रोग के घरेलू उपचार

अब हम आपको अमीबियासिस रोग के लिए कुछ घरेलू उपचार बताएगे जो इस प्रकार है

(1) . सोंफ और अजवाइन है लाभकारी

आपको एक चमच सोंफ लेनी है और एक चोथाई चमच अजवाइन लेनी है और एक बड़ी इलायची ले और इन तीनो को पीसकर आपस में मिला ले और उसमे पानी डालकर उसे उतना उबाले जब तक पानी आधा न रह जाए उसके बाद उसे छान ले और उसमे देसी खांड को मिला ले थोडा सा उसके बाद इसका सेवन करे सुबह दोपहर और शाम इसके इस्तेमाल से आपको आराम मिलेगा

जब भी आप कोई भी घरेलू उपचार करे तो सिर्फ एक उपचार को चुने अलग अलग बदलकर उपचार न करे इसे आपको समस्या हो सकती है

निष्कर्ष

आशा करते है की आपको अमीबियासिस रोग क्या है इसके बारे में आपको पता चल गया होगा आपको बता दे की किसी भी बिमारी के लक्ष्ण की जांच हमारे लिए जरुरी है हमे पता होना जरुरी है की क्या लक्ष्ण हमे अपने अंदर दिखाई दे रहे है इसलिए अगर अमीबियासिस रोग के लक्ष्ण आपको नजर आते है तो तुरंत डॉक्टर से मिले और जाँच करवाए अपनी मर्जी से मेडिसिन न ले

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जानिए कुछ सवालो के जवाब

Q . अमीबियासिस रोग किस परिजिवी जीवाणु के कर्ण होता है ?

ans अमीबियासिस रोग मुख्या प्रोटोजोआ एंटअमीबा हिस्टोलिटिका परिजिवी जीवाणु के कारण होता है |

Q . अमीबियासिस रोग को ठीक होने में कितना समय लगता है ?

ans . अमीबियासिस रोग को ठीक होने में कुछ हफ्ते या कुछ महीने लग सकते है उसके दोरान आपको मेडिसिन लेनी पड़ती है और डॉक्टर के सम्पर्क में हमेशा रहना पड़ता है |

Q . अमीबियासिस रोग के दोरान हमे क्या ध्यान रखना चाहिए ?

ans अमीबियासिस रोग के दोरान हमे साफ़ सफाई का ज्यादा ध्यान रखना चाहिए दूषित पानी या खाना नहीं खाना चाहिए हाथो को धोते रहना चाहिए किसी काम के बाद |

Q . अमीबियासिस रोग में किस तरह की मेडिसिन दी जाती है ?

ans . अमीबियासिस रोग में एंटीबायोटिक दी जाती है जिसे अमीबियासिस रोग को कम किया जाए साथ में खून की कमी के लिए मेडिसिन दी जाती है |

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