फंगल इन्फेक्शन के लिए r82 homeopathic medicine का इस्तेमाल किया जाता है अगर आपको भी फंगल इन्फेक्शन की समस्या है तो आप r82 medicine का सेवन करे आपको लाभ होगा

सभी बीमारियों से लड़ने के लिए हमारे शरीर में रोगप्रतिरोधक शमता होती है जब यह रोगप्रतिरोधक शमता कम हो जाती है हमारे शरीर से तो हमे कई समस्या होती है उनमे से एक है फंगल इन्फेक्शन जो बढ़ता जाता है

फंगल इन्फेक्शन अलग अलग तरह के होते है परन्तु सबसे ज्यादा जो देखा जाता है वह है ring worm जिसे दाद के नाम से भी जाना जाता है और यह बढ़ते रहता है समय के अनुसार

दाद के दोरान आपकी त्वचा पर लाल छला जैसे बन जाता है और यह बहुत खीचा खीचा सा लगता है और इसमें बहुत ज्यादा खुजली होती है और यह खुजली पसीने के दोरान बढ़ जाती है

आमतोर पर देखा गया है की इस दाद में खुजली रात के समय बढ़ जाती है और अगर इसमें नाख़ून को ज्यादा लगाया जाता है तो यह फ़ैल जाती है दाद आपको त्वचा पर अलग अलग जगह हो सकती है

आज हम आपको फंगल इन्फेक्शन के लिए जर्मन homeopathic medicine r82 medicine के बारे में बताएगे अगर आप इसका इस्तेमाल कुछ समय तक लगातार करते हो तो फंगल इन्फेक्शन ठीक हो जाएगा

r82 medicine क्या है – what is r82 medicine in hindi

r82 medicine जर्मन homeopathic medicine है जो की dr.reckeweg का एक ब्रांड है और यह आपको 22 ml की सीसी में ड्राप के रूप में मिल जाती है जिसका इस्तेमाल फंगल इन्फेक्शन के लिए किया जाता है r82 medicine को mycox – anti fungal drops के नाम से भी जानते है इसका प्राइस 270 रूपये है

फंगल इन्फेक्शन के लिए r82 medicine में अलग अलग homeopathic medicine मिली हुई है जैसे echinacea angustifolia , zincum metallicum , tecoma , chlamydia , trachomatis . इन सभी मेडिसिन के बारे में निचे देखने को मिल जाएगा

r82 medicine का इस्तेमाल कैसे करे – r82 homeopathic medicine uses in hindi

r82 medicine का इस्तेमाल उम्र , लिंग , कोई नई या पुरानी बिमारी को ध्यान में रखकर डॉक्टर की सलाह के बाद किया जाता है ताकि आने वाले समय में आपको कोई समस्या न हो

r82 medicine को आप दो तरीके से इस्तेमाल कर सकते है पहला आप इसका सेवन कर सकते है दूसरा आप इसे फंगल इन्फेक्शन की जगह लगा भी सकते है आपको दोनों तरीके के बारे में बताएगे

(1) . r82 medicine को कैसे लगाए

आपको r82 medicine को लगाने के लिए r82 medicine की 2 से 3 बुँदे फंगल इन्फेक्शन वाली जगह पर डालनी है और हल्के हाथ से उस जगह की मसाज करनी है जिसे मेडिसिन त्वचा में मिल जाए आपको इसे सिर्फ रात को सोने से पहले लगाना है दिन में 1 बार और हाथो को जरुर धो ले बाद में

बिमारी :फंगल इन्फेक्शन
मात्रा :2 से 3 ड्राप इन्फेक्शन वाली जगह पार लगाओ
दिन में कितनी बार :दिन में 1 बार रात में सोने से पहले लगाए
खाना खाने से पहले या बाद में :रात में सोने से पहले
किसके साथ :सिर्फ r82 medicine को लगाए
सलाह :डॉक्टर की सलाह के अनुसार
ज्यादा मात्रा में r82 medicine को न लगाए

(2) . r82 medicine का सेवन कैसे करे

आपको एक चोथाई कप पानी लेना है और उसमे r82 medicine की 10 बुँदे डालनी है और उसका सेवन करना है आपको एसा दिन में 2 बार करना है सुबह और शाम को और ध्यान रहे की r82 medicine को खाना खाने से आधे या एक घंटे पहले ले

बिमारी :फंगल इन्फेक्शन
मात्रा :10 बुँदे एक समय में
दिन में कितनी बार :दिन में 2 बार सुबह और शाम को
खाना खाने से पहले या बाद में :खाना खाने से आधे या एक घंटे पहले ले
किसके साथ ले :एक चोथाई कप पानी के साथ ले
सलाह :डॉक्टर की सलाह जरुर ले
समस्या के अनुसार dose को ले

r82 medicine के फायदे – benefits of r82 medicine in hindi

r82 medicine के फायदे इस प्रकार है

(1) . दाद के लिए लाभकारी है

अगर आपको बहुत पुराना या नया दाद है जिसे आप बहुत ज्यादा परेशान है खुजली होती है त्वचा लाल हो गई है और बार बार मेडिसिन ले रहे है तो आपके लिए r82 medicine बहुत लाभकारी है

(2) . फंगल इन्फेक्शन के लिए लाभकारी है

अगर आपको किसी भी प्रकार का कोई फंगल इन्फेक्शन है जिसके कारण खुजली हो रही है तवचा खराब हो रही हाई तो आप आसानी से r82 medicine का इस्तेमाल कर सकते है लगाने में भी और सेवन में भी

(3) . एथलीट फुट के लिए लाभकारी है

यह पैरों में होने वाला फंगल इन्फेक्शन है यह कवक संक्रमण है जो पैरों की उंगलियों के बीच में होता है जो लोग जूते अधिक डालते है जिसे पैरों में पसीना आता है और एथलीट फ़ुट होता है इसके लिए भी r82 medicine बहुत लाभकारी है

r82 medicine के यह फायदे है इसके अलावा भी r82 medicine कई तरह से फंगल इन्फेक्शन में फायदा कारती है

r82 medicine के दुष्प्रभाव – side effects of r82 medicine in hindi

फंगल इन्फेक्शन के लिए r82 medicine बहुत लाभकारी है और r82 medicine का हमारे शरीर पर कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ता है

परन्तु फिर भी आपको r82 medicine का सेवन सही मात्रा में करना चाहिए अगर आपको कोई दुष्प्रभाव देखने को मिलता है तो आप डॉक्टर की सलाह ले

r82 medicine की सावधानियाँ – precautions of r82 medicine in hindi

r82 medicine को लेने से पहले कुछ बातो का ध्यान रखे जिसके बारे में आपको निचे देखने को मिल जाएगा

(1) . डॉक्टर की सलाह ले

जब भी आप r82 medicine को लेने के लिए जाए तो आपको एक बार डॉक्टर से सलाह जरुर ले लेनी चाहिए ताकि आने वाले समय में आपको कोई समस्या न हो

(2) . शराब का सेवन न करे

शराब का सेवन आपकी समस्या को बढ़ा सकता है इसके साथ ही आपको ध्यान रखना है की r82 medicine के साथ शराब का सेवन न करे इसे मेडिसिन असर नहीं करेगी

(3) . medicine लगाने के बाद हाथो को धो ले

जब भी आप रात को सोने से पहले r82 medicine को फंगल इन्फेक्शन वाली जगह पर लगाए तो अपने हाथो को जरुर धो ले लगाने से पहले भी और बाद में भी

(4) . चाय कॉफ़ी का सेवन न करे

चाय पीना सभी को पसंद होता है परन्तु ध्यान रहे की r82 medicine को लेने से आधे या एक घंटे पहले या बाद में चाय या कॉफ़ी का सेवन नहीं करना है

(5) . मुहँ को साफ़ रखे

r82 medicine के सेवन से पहले मुहँ को साफ़ रखे मतलब आपको प्याज और लहुसन जैसे खाद्य प्रदार्थ का सेवन नहीं करना है

(6) . exp date को चेक करे

जब भी आप किसी homeopathic store पर r82 medicine को लेने के लिए जाए तो आपको medicine की exp date को जरुर चेक करना है

अगर आप r82 medicine को ले रहे हो तो आपको उपर बताई गई बातो का ध्यान रखना है

r82 medicine की सामग्री – ingredients of r82 medicine in hindi

r82 medicine के अंदर अलग अलग homeopathic medicine मिली हुई है जिसके बारे में आपको निचे देखने को मिल जाएगा जो इस प्रकार है

(1) . इचिनेशिया एंगुस्टिफोलिया (echinacea angustifolia)

इचिनेशिया एंगुस्टिफोलिया homeopathic medicine आपके इम्यून सिस्टम को बढ़ाती है और साथ ही फंगल इन्फेक्शन को ठीक करने में मदत करती है

(2) . जिंकम मेटालिकम (zincum metallicum)

जिंकम मेटालिकम homeopathic मेडिसिन भी फंगल इन्फेक्शन को ठीक करने में मदत करती है और साथ ही इम्यून सिस्टम को बढ़ाती है

(3) . टेकोमा (tecoma)

टेकोमा homeopathic मेडिसिन फंगल इन्फेक्शन के लिए बहुत ही लाभकारी है और यह मेडिसिन r82 medicine में मिली हुई है

(4) . क्लैमाइडिया (chlamydia)

क्लैमाइडिया एंटी फंगल मेडिसिन है जो की फंगल इन्फेक्शन में बहुत ही लाभकारी मेडिसिन है और यह मेडिसिन r82 medicine में मिली हुई है

यह सभी homeopathic medicine r82 medicine में मिली हुई है और यह सभी medicine फंगल इन्फेक्शन के लिए बहुत लाभकारी है

r82 medicine को कैसे रखे – how to store r82 medicine in hindi

r82 medicine को आपको हमेशा ही सामान्य तापमान में रखना चाहिए इसके लिए आप r82 medicine को अपने कमरे के सामान्य तापमान में रख सकते है

एक बात का आपको ध्यान रखना है की आपको r82 medicine को ज्यादा गर्म व ज्यादा ठंडी जगह से दूर रखना है इसे मेडिसिन का असर कम हो सकता है

निष्कर्ष

आशा करते है की आपको r82 homeopathic medicine के बारे में पता चल गया होगा और अब आप r82 medicine का इस्तेमाल सही तरीके से करेगे अगर आपको कुछ महीने या साल पुराना फंगल इन्फेक्शन है तो आप r82 medicine का इस्तेमाल 2 से 3 महीने लगातार करे इसे फंगल इन्फेक्शन ठीक हो जाएगा

related topic

Candifem Vaginal Cream uses in hindi का इस्तेमाल योनी संक्रमण में किया जाता है

R21 medicine एक्जिमा और चर्म रोग के लिए बहुत लाभकारी है

R53 medicine का इस्तेमाल मुहांसे को ठीक करने के लिए किया जाता है

जानिए कुछ सवालो के जवाब

Q . r82 medicine का इस्तेमाल कितने दिनों तक कर सकते है ?

ans . आप r82 medicine का इस्तेमाल लगातार 2 या 3 महीने कर सकते है इसे फंगल इन्फेक्शन ठीक हो जाएगा |

Q . क्या प्रेगनेंसी के दोरान r82 medicine को आप सकती है ?

ans . प्रेगनेंसी के दोरान r82 medicine के इस्तेमाल से पहले डॉक्टर की सलाह ले ताकि आपको या आपके बच्चे को कोई समस्या न हो |

Q . क्या स्तनपान करवाने वाली महिला r82 medicine का सेवन कर सकती है ?

ans . स्तनपान करवाने वाली महिला को r82 medicine के सेवन से पहले डॉक्टर की सलाह ले लेनी चाहिए |

Q . r82 medicine से फंगल इन्फेक्शन कितने दिन में ठीक हो जाता है ?

ans . r82 medicine के सेवन से आपको पहले महीने से ही अच्छा असर दिखाई देगा पर 2 से 3 महीने में फंगल इन्फेक्शन ठीक हो जाएगा |

डिस्क्लेमर – जानकारी की सटीकता, समयबद्धता और वास्तविकता सुनिश्चित करने का हर प्रकार से प्रयाश  किया गया है हालांकि इसकी नैतिक जि़म्मेदारी thedkz.com की नहीं है। हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्सक से अवश्य संपर्क करें। हमारा उद्देश्य आपको जानकारी मुहैया कराना मात्र है

Categorized in: